World Population: कुछ ऐसे सवाल होते हैं जिनका जवाब मुकम्मल नहीं होता. तरह तरह के आंकड़े एक दूसरे को सही गलत साबित करते हुए आगे बढ़ जाते हैं. अगर आप से सवाल किया जाए कि अब तक धरती पर कितने लोग रह चुके हैं तो शायद माथा चकरा जाए. हालांकि पीआरबी ने एक अनुमान देने की कोशिश की है.
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World Population Growth: अब तक इस धरती पर कितने लोग रह चुके हैं. यह सवाल बेहद कठिन है. आखिर कैसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धरती पर अब तक कितने लोग रह चुके हैं. ऐसा कहा जाता है कि औद्योगिकरण और खेती में सुधार के बाद बड़े पैमाने पर जनसंख्या (world population)में बढ़ोतरी हुई. 1900 में वैश्विक स्तर पर आबादी 1.6 बिलियन थी जबकि मौजूदा समय में आबादी 8 बिलियन है. इसका अर्थ यह है कि करीब 124 साल में आबादी में करीब सात गुना बढ़ोतरी हुई है. लेकिन आप यहीं पर मात खा जाएंगे.
इंसानी अस्तित्व के लिए इतनी संख्या जरूरी
2012 में पापुलेशन रेफरेंस ब्यूरो के वेंडी बाल्डविन (Wendy Baldwin) ने बताया था कि करीब 60 हजार साल पहले इंसानों ने अफ्रीका को छोड़ा था. वो बताते हैं कि आयरन एज के समय यानी 800 बीसी से 100 सीई तक फ्रांस में औसत आयु 10 से 12 साल थी. इसका अर्थ यह है कि प्रति एक हजार जन्म में लाइव बर्थ यानी जिंदा नवजातों की संख्या 80 के करीब रही होगी. यह वो संख्या है जो किसी भी प्रजाति के अस्तित्व के लिए जरूरी है.
दिलचस्प जानकारी
पीआरबी ने इतिहास और प्रागितिहास के विभिन्न बिंदुओं से जनसंख्या अनुमानों का उपयोग किया और घटती जन्म दर को प्रतिबिंबित करने के लिए एक अनुमानित जन्म दर(world population birth rate) लागू की जो समय के साथ कम हो गई. इन तरीकों ने जन्मों की संख्या का एक मोटा अनुमान दिया. एक अनुमान के अनुसार 190,000 ईसा पूर्व से अब तक लगभग 117 अरब जन्म हुए हैं.जो आज जीवित 8 अरब लोगों से कहीं अधिक है. शोधकर्ता कहते हैं कि अगर हमें अपने निष्कर्ष को चुनौती देनी पड़े तो हो सकता है कि हमारी पद्धति कुछ हद तक जन्मों की संख्या को कम आंकती हो. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमारे पूर्वज जनसंख्या रिकॉर्ड का डेटा रखे होते तो निश्चित तौर पर सटीक तरीके से और जानकारी सामने आती.