Dhanteras 2022: धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है. कार्तिक मास की तेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने से धन के भंडार में कमी नहीं होती है.
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Lakshmi Temple: दिवाली और धनतेरस का त्योहार लक्ष्मी का त्योहार होता है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं. धनतेरस के दिन लक्ष्मी की पूजा करने का खास फल मिलता है. देश का एक मंदिर ऐसा हैं जहां धनतेरस के दिन पूजा का अलग महत्व है. मान्यता है कि इस दिन मंदिर में मां लक्ष्मी की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ करने पर धन से जुड़ी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं. आइए जानते हैं कि ये मंदिर कहां है और इसकी क्या मान्यताएं हैं.
कहां है मंदिर
मां लक्ष्मी का ये खास मंदिर महाराष्ट्र के कोल्हापुर में है. धनतेरस और दिवाली के दिन कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर के दर्शन करने का खास महत्व है. इस दिन महालक्ष्मी मंदिर में बहुत भीड़ होती है. बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आते हैं. इस दौरान मंदिर को फूलों और खूबसूरत लाइटों से सजाया जाता है. श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ मां लक्ष्मी के दर्शन करते हैं. मान्यता है कि इस दिन मंदिर के दर्शन मात्र से ही मां लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती है और पैसे की तंगी दूर हो जाती है.
महालक्ष्मी मंदिर का इतिहास
कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है. माना जाता है कि मां लक्ष्मी की ये मूर्ति करीब 7 हजार साल पुरानी है. जानकारी के मुताबिक इसे 11 वीं सदी में स्थापित किया गया था. तभी से मंदिर की पूजा होती चली आ रही है.
मंदिर की पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार भगवान विष्णु से रुष्ट होकर मां लक्ष्मी यहां आईं थी. तभी से मां लक्ष्मी यहीं पर निवास करती हैं. लक्ष्मी जी के 108 शक्तिपीठ माने गए हैं. कोल्हापुर की महालक्ष्मी इन्हीं शक्तिपीठों में से एक हैं. साल में एक बार इस मंदिर के अंदर सूर्य की सीधी किरणें पड़ती हैं. दिवाली और धनतेरस पर यहां पूजा करने का खास महत्व है. इस मंदिर की मिट्टी को बड़ा पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि मंदिर परिसर की मिट्टी को उठाकर अगर तिजोरी में रख लिया जाए तो कभी धन की कमी कभी नहीं हो सकती है.
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