दिल्ली की एक महिला से शहर के भीतर 21 किमी की यात्रा के लिए 1,525 रुपये लिए गए, तो उसने कंपनी के साथ इस मुद्दे को फ्लैग करने का फैसला किया और उसे एक ऐसा जवाब मिला जिसकी आपने उम्मीद नहीं की होगी.
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अगर आप रेगुलर कैब का इस्तेमाल करते हैं तो आपने महसूस किया होगा कि कैब आपसे ज्यादा किराया वसूल रहा है. कभी-कभी लोग शिकायत दर्ज करते है और धन वापिस भी मिल जाता है. वहीं ज्यादातर लोग जाने देते हैं. दिल्ली में इस बार कुछ ऐसा हुआ, जिसको जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दिल्ली की एक महिला से शहर के भीतर 21 किमी की यात्रा के लिए 1,525 रुपये लिए गए, तो उसने कंपनी के साथ इस मुद्दे को फ्लैग करने का फैसला किया और उसे एक ऐसा जवाब मिला जिसकी आपने उम्मीद नहीं की होगी.
21 किलोमीटर के लिए लिए 1525 रुपये
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने IGI एयरपोर्ट से चित्तरंजन पार्क के लिए उबर बुक की. इसकी दूरी 21 किलोमीटर थी. पूरी यात्रा करने के बाद जब बिल तैयार किया गया, तो देखकर महिला के होश उड़ गए. बिल आया था 1525 रुपये. महिला को उस वक्त पेमेंट करना पड़ा. लेकिन बाद में महिला ने कंपनी से बात की.
उबर के रिप्रेजेंटेटिव ने ग्राहक को बताया कि बढ़े हुए बिल के पीछे का कारण जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम में एरर है. महिला को सवारी के अतिरिक्त शुल्क को कवर करते हुए 900 रुपये की वापसी की पेशकश की गई. रिफंड महिला के उबर वॉलेट में उबर कैश के रूप में जमा किया गया था. वॉलेट में पैसा जाने का मतलब है कि वो आगे की यूबर राइड में इन पैसों का इस्तेमाल कर सकती हैं.
क्या कहा उबर ने
उबर ने जब बिल के डिटेल्स को चैक किया तो पाया गया कि बिल में एक उत्तर प्रदेश अंतरराज्यीय शुल्क शामिल था, लेकिन महिला ने सीमा को पार ही नहीं किया था, उनकी कैबर शहर के अंदर ही घूम रही थी. एक नगर निगम टैक्स भी बिल में शामिल किया गया था और दो बार लगाया गया था. बता दें, एमसीडी टोल टैक्स केवल उन कर्मशियल व्हीकल पर लगाया जाता है जो दूसरे दूसरे राज्य से दिल्ली में प्रवेश कर रही हैं. GPS एरर की वजह से महिला का इतना बिल बना. शिकायत करने पर महिला को रिफंड कर दिया गया. यह पहला मामला नहीं है, कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं.
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