4G Electric Meter: भारत में बिजली चोरी की समस्या काफी पुरानी है और इसकी वजह से बिजली कंपनियों को लाखों का चूना लग जाता है और इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एक खास तरीका निकाला है.
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4G Electric Meter are Ready for Installation: भारत में 4G Electric Meter लगाने का प्रोसेस तेज हो गया है, बता दें कि उत्तर प्रदेश से इसकी शुरुआत 1 जुलाई से कर दी गई है. लगातार बढ़ रहे कनेक्शन और बिजली चोरी के मामले में कमी लाने के लिए ये फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि 4G इलेक्ट्रिक मीटर आम बिजली के मीटर्स से काफी अलग होंगे और इनका बिल नहीं आएगा, सही मायने में आपको इन्हें रीचार्ज करवाना पड़ेगा और तब आपके घर में बिजली आएगी.
जिन घरों में पुरानी तकनीक वाले बिजली के मीटर लगे हुए हैं उन्हें नई तकनीक के आधार पर अपडेट भी किया जाएगा और उन्हें स्मार्ट मीटर बना दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में तकरीबन 12 लाख मीटर ऐसे मीटर लगे हुए हैं जो पुरानी तकनीक पर काम कर रहे हैं. इन्हें स्मार्ट मीटर में बदल दिया जाएगा।
कैसे काम करता है 4G स्मार्ट प्रीपेड मीटर
4G प्रीपेड मीटर की कार्यप्रणाली की बात करें तो इनमें आपको रीचार्ज करवाना पड़ता है ठीक उसी तरह से जैसे आप किसी फोन में प्रीपेड प्लान रीचार्ज करते हैं. ये रीचार्ज एक तय अवधि तक के लिए वैलिड रहेगा और इसमें तय यूनिट्स आपको दिए जाएंगे। ऐसे में आपको बिजली के बिल की टेंशन लेने की जरूरत नहीं पड़ने वाली है. 4G प्रीपेड मीटर का प्लान खत्म होते ही आपको इसे दुबारा रीचार्ज करना पड़ेगा। इस मीटर से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी और अगर ऐसा करता हुआ कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.
लंबे समय से इस प्रणाली को लाने की चर्चा चल रही थी और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में इसे लागू भी किया जा चुका था और अब पूरे प्रदेश में इसे लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है. आने वाले कुछ ही महीनों में इसे लगाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और बिजली चोरी पर लगाम लग जाएगी. यूपी पावर कारपोरेशन और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के स्मार्ट 4G प्रीपेड मीटर लगाने की हामी भरने के बाद इस प्रक्रिया को हरी झंडी मिल चुकी है.
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