CERT-In ने डेस्कटॉप डिवाइसेज पर Google Chrome के यूजर्स के लिए हाई-सीवेरिटी अलर्ट जारी किया है, उन्हें अपने ब्राउजर्स को तुरंत अपडेट करने का आग्रह किया है.
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इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने डेस्कटॉप डिवाइसेज पर Google Chrome के यूजर्स के लिए हाई-सीवेरिटी अलर्ट जारी किया है, उन्हें अपने ब्राउजर्स को तुरंत अपडेट करने का आग्रह किया है. लेटेस्ट CERT-In Vulnerability Note CIVN-2024-0274 में चेतावनी, डेस्कटॉप के लिए Google Chrome में कई भेद्यताओं को उजागर करती है. आइए जनते हैं इसके बारे में...
हो सकता है अटैक
CERT-In के मुताबिक, Google के वेब ब्राउजर में ये सिक्योरिटी फ्लॉज ऑनलाइन अटैकर्स को मनमाना कोड एक्जीक्यूट करने या डेनियल-ऑफ-सर्विस (DoS) कंडीशन का कारण बनने की संभावना दे सकते हैं, जिससे यूजर्स के लिए तुरंत एक्ट करना क्रूशियल हो जाता है. आइए देखें कि CERT-In का नोट क्या डिटेल्स देता है और यह कैसे यूजर्स के लिए रिस्क पोज कर रहा है.
क्या है रिस्क?
CERT-In के मुताबिक, ये सिक्योरिटी फ्लॉज़ Google Chrome के 128.0.6613.113/.114 से पहले के विंडोज, मैक और लिनक्स वर्जन्स में आइडेंटिफाई किए गए हैं. इन फ्लॉज को हाई सेवेरिटी कैटेगराइज़ किया गया है, जो एक्सप्लोइटेशन का सिग्निफिकेंट रिस्क इंप्लाई करता है.
CERT-In कह रहा है कि Google Chrome में जो खराबी पाई गई है, वह मुख्य रूप से दो चीजों की वजह से है:
- पहली चीज है "टाइप कन्फ्यूजन" यानी कंप्यूटर को यह समझ नहीं आ रहा है कि किस तरह के डेटा के साथ काम करना है.
- दूसरी चीज है "हीप बफर ओवरफ्लो" यानी कंप्यूटर में एक जगह है जहां डेटा रखा जाता है, वह जगह ओवरफ्लो हो रही है, यानी उसमें बहुत ज्यादा डेटा भर रहा है.
सरकार कह रही है कि हैकर्स इन खराबियों का फायदा उठा सकते हैं. वे आपके कंप्यूटर को एक खास तरह का संदेश भेज सकते हैं. अगर आप उस संदेश को खोलते हैं, तो हैकर्स आपके कंप्यूटर को अपने कंट्रोल में ले सकते हैं.