Apple iPhone: आजकल नकली आईफोन मार्केट में भरे पड़े हैं, अगर आप ऑफलाइन मार्केट से कोई रिफर्बिश्ड आईफोन मॉडल सस्ते में खरीद रहे हैं तो इस बात का काफी संभावना है कि आपको नकली फोन पकड़ा दिया जाए.
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iPhone Replica Model: Fake iPhone Model: भारत में इस बीच आईफोन को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिला है. दरअसल ई-कॉमर्स वेबसाइट पर इस समय Sale शुरू हो गई है ऐसे में लोग धड़ल्ले से आईफ़ोन खरीद रहे हैं और भारी-भरकम डिस्काउंट का लाभ ले रहे हैं. जब किसी प्रोडक्ट की डिमांड जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है तो धोखाधड़ी की संभावना भी काफी ज्यादा रहती है. कई बार ऑनलाइन खरीदारी के समय लोगों को नकली प्रोडक्ट पकड़ा दिए जाते हैं और उनको हजारों रुपए की चपत लग जाती है. अगर आप भी आईफोन खरीदने जा रहे हैं और आपको डर है कि नहीं आपके पास Fake आईफोन ना आ जाए तो आज हम फेक आईफोन आईडेंटिफाई करने का तरीका आपको बताने जा रहा है.
कैमरा सेटअप की जांच है जरूरी
अगर आपको शक है कि आपने एक नकली आईफोन मॉडल खरीद लिया है लेकिन फिर भी आप असली और नकली में फर्क नहीं कर पा रहे हैं तो आप कैमरा सेटअप देख कर भी इसकी पहचान कर सकते हैं. दरअसल कैमरा सेटअप को देख कर और इसका इस्तेमाल करके आप समझ सकते हैं कि आईफोन मॉडल असली है या नकली. सबसे पहले आपको इसके कैमरा सेटअप को गौर से देखना पड़ेगा, असल में नकली आईफोन अगर टॉप मॉडल का है तो इसे पहचानना आसान होता है और और ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें कई कैमरे होते हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर काम नहीं करते हैं. ऐसा होने पर इनकी जगह पर नकली कैमरे लगा दिए जाते हैं जिन्हें गौर से देखकर पहचाना जा सकता है. इतना ही नहीं अगर आप कैमरे के माइक्रो लेंस या वाइड एंगल या टेलीफोटो लेंस का इस्तेमाल करेंगे तो आपको खुद ही पता चल जाता है कि तीनों कैमरा लेंस से एक ही तरह की फोटोग्राफी होगी ऐसे में आप मिनटों में ही इसे पहचान सकते हैं कि ये असली है या नकली.
रियर पैनल की जांच
रियल आईफोन का बैक यानी रियर पैनल काफी प्रीमियम नजर आता है जबकि नकली आईफोन में पीछे की तरफ प्लास्टिक मटीरियल का इस्तेमाल होता है , वहीं आईफोन के कुछ मॉडल्स में Glass का रियर पैनल रहता है. आप इसे देखकर या छूकर आसानी से पहचान सकते हैं.
डिस्प्ले की जांच
असली आईफोन मॉडल्स के डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट और ब्राइटनेस जोरदार रहती है वही नकली मॉडल में ऐसा नहीं होता है क्योंकि नकली आईफोन के Display के साथ यह चीजें नहीं देखने को मिल पाती हैं, उनकी ब्राइटनेस ही डाउन रहती है साथ ही रिफ्रेश रेट भी कम रहता है ऐसे में इनकी जांच से असली और नकली में फर्क किया जा सकता है.
साइड प्रोफाइल चेक करके
फ्रंट और बैक से कई बार डिजाइन में काफी समानताएं होते हैं ऐसे में नकली और असली आईफोन का पता लगाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप किनारों को चेक करें तो यहां पर आपको नकली आईफोन में कुछ कमियां देखने को मिल सकते हैं जो असली आईफोन से काफी अलग होती हैं क्योंकि हूबहू आईफोन की कॉपी बनाना मुश्किल होता है. किनारों को देखकर आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आईफोन नकली है या असली.
एक्सेसरीज करें चेक
आईफोन के साथ वैसे आपको ज्यादा कुछ नहीं मिलता है लेकिन अगर आपके पास इसकी लाइटनिंग केबल आती है तो आप उसे चेक करके भी पता लगा सकते हैं कि यह असली है या नकली क्योंकि फेक आईफोन की लाइटनिंग केबल थोड़ी सी पतली होती है साथ ही साथ इसकी क्वालिटी भी खराब होती है ऐसे में इसका पता लगाया जा सकता है.
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