ChatGPT को बनाने वाला ही खौफ में! क्या खा जाएगा इंसानों की नौकरी? दिया ऐसा जवाब
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ChatGPT को बनाने वाला ही खौफ में! क्या खा जाएगा इंसानों की नौकरी? दिया ऐसा जवाब

Chatgpt 4 को लॉन्च किया गया है. यह पिछले के मुकाबले कई जटिल काम कर सकता है. यह पहले ही कई बड़ी परिक्षाओं को पास कर चुका है. ChatGPT जिस तरह लोकप्रिय हो रहा है, यह लोगों की चिंता भी बढ़ा रहा है. लोगों का मानना है कि एआई चैटबॉट में भविष्य में मानव नौकरियों को बदलने की क्षमता है.

ChatGPT को बनाने वाला ही खौफ में! क्या खा जाएगा इंसानों की नौकरी? दिया ऐसा जवाब

ChatGPT चर्चा का विषय बन चुका है. यह AI Chatbot कई काम जैसे कोड लिखने, कविता लिखने, निबंध लिखने, वेबसाइट सामग्री बनाने, वीडियो स्क्रिप्ट के साथ आने और अन्य कार्यों को पूरा करने के साथ-साथ मानवीय तरीके से किसी भी प्रश्न का उत्तर दे सकता है. कुछ दिन पहले ही Chatgpt 4 को लॉन्च किया गया है. यह पिछले के मुकाबले कई जटिल काम कर सकता है. यह पहले ही कई बड़ी परिक्षाओं को पास कर चुका है. ChatGPT जिस तरह लोकप्रिय हो रहा है, यह लोगों की चिंता भी बढ़ा रहा है. लोगों का मानना है कि एआई चैटबॉट में भविष्य में मानव नौकरियों को बदलने की क्षमता है.

ChatGPT के क्रिएटर ने कही यह बात

ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI के फाउंडर सैम ऑल्टमैन ने भी इस फैक्ट को स्वीकार किया है. उनका मानना है कि ChatGPT संभवतः कुछ मानव नौकरियों की जगह ले सकता है. ABC न्यूज को दिए इंटरव्यू में सैम ऑल्टमैन ने कहा कि वह अपने ही क्रिएशन से थोड़ा डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि AI समाज को नया आकार देगी और कुछ वास्तविक खतरों के साथ आएगी. उन्होंने कहा, 'हमें यहां सावधान रहना होगा.'

उन्होंने यह भी कहा कि झूठी सूचना फैलाने में एआई के संभावित उपयोग के बारे में उन्हें चिंता है. उन्होंने कहा, 'मैं विशेष रूप से चिंतित हूं कि इन मॉडलों का उपयोग बड़े पैमाने पर गलत सूचना के लिए किया जा सकता है.' OpenAI के CEO ने यह भी कहा कि जबकि AI उपकरण मानव नियंत्रण में है, वह उन मनुष्यों के बारे में सुनिश्चित नहीं हो सकते हैं जो इसे नियंत्रित करेंगे.

क्या एआई मानव नौकरियों की जगह लेगा?

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, Altman ने कुछ मानव नौकरियों की जगह AI की संभावना को भी स्वीकार किया और चिंतित है कि परिवर्तन कितनी जल्दी आएगा. उनका यह भी कहना है कि लोगों को चैटजीपीटी को एक उपकरण के रूप में देखना चाहिए, न कि लोगों के रिप्लेसमेंट के रूप में.

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