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Airports in India: अगर आप प्लेन से ज्यादा ट्रैवल करते हैं और लैपटॉप साथ में रखते हैं तो आपके लिए एक शानदार खबर है. एविएशन सिक्योरिटी रेगुलेटर, द ब्यूरो ऑफ लिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस), कथित तौर पर सबसे बड़ी सुरक्षा समस्याओं में से एक को खत्म करने के लिए एक फिक्स पर काम कर रहा है. जल्द ही यात्रियों को सुरक्षा जांच के दौरान अपने हैंडबैग से लैपटॉप और पावर बैंक जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान निकालने की जरूरत नहीं होगी.
सिक्योरिटी नहीं खोलेगी यात्रियों के बैग
The Hindu की खबर के मुताबिक, BCAS एक महीने के अंदर टेक्निकल नॉर्म्स जारी करेगा, जिसके बाद बैग से लैपटॉप और पावर बैंक निकालने की जरूरत नहीं होगी. BCAS के डायरेक्टर जनरल जुल्फिकार हसन ने इस डेवलपमेंट के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी चेक के दौरान हैंड बैग में इलेक्ट्रॉनिक्स को स्कैन करने के लिए एयरपोर्ट्स को मॉर्डन डुअल एक्स-रे, कम्प्यूटर टोमोग्राफी और न्यूट्रॉन बीम टेक्नोलॉजीज को प्लेस करने की जरूरत है.
चेक-इन करने में होगी आसानी
CISF के सीनियर ऑफिसर ने कहा, 'इस तकनीक से जल्दी काम होगा और चैकिंग प्रोसेस में ज्यादा समय नहीं लगेगा.' कई एयरपोर्ट्स पर फिलहाल ऐसी एक्स-रे मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है, जो 2D इमेज प्रोड्यूस करती हैं, लेकिन वो 360 डिग्री व्यू प्रदान नहीं कर पाती हैं. लेकिन नई टेक्नोलॉजी 3D इमेज प्रोड्यूस करेगी. जिसमें हाइयर रिजॉल्यूशन से इमेज दिखेगी और चेक करने में काफी सहायता मिलेगी.
भारत में छुट्टियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में एयरपोर्ट्स पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है. अगर यह टेक्नोलॉजी आ जाती है तो सिक्योरिटी चेक में काफी आसानी मिलेगी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) ने एक ही दिन (10 दिसंबर) में 1.50 लाख से अधिक यात्रियों को संभाला. चेक-इन और सिक्योरिटी के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा. ऐसे में एयरलाइन्स ने यात्रियों को तीन घंटे पहले आने की सलाह दी है.
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