Lalkitab News

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हमारा जीवन, हमारे पुरखों का दिया है। हमारे पूर्वजों का लहू, हमारी नसों में बहता है। उन्हीं की आत्मा का अंश, हमारे शरीर में विद्यमान है। लेकिन कई बार इन्हीं पूर्वजों के ऋण के कारण, हमारी ज़िंदगी मुसीबतों का पहाड़ बन जाती है। पूर्व जन्म के बुरे कर्म, इस जन्म में पीछा नहीं छोड़ते। लेकिन अक्सर हमें यह नहीं पता चलता कि जो कुछ हो रहा है, उसके पीछे वजह क्या है? तो आज हम आपको बतायेंगे कि आप पर पूर्व जन्म का कौन सा कर्ज बकाया है। उस ऋण के लक्ष्ण क्या हैं? और जन्म में उस ऋण से मुक्ति पाकर, सुख और शांति का जीवन कैसे पाया जा सकता है? रावण की लिखी लाल किताब में, ऐसे सारे ऋण और उपाय पर विस्तार से चर्चा की गई है।  
Oct 3,2015, 16:12 PM IST

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