Facts About Sun: सूर्य के गायब होने से कई अरब वर्ष पहले धरती असहनीय स्तर तक गर्म हो चुकी होगी. सूर्य फिर अपना बाहरी वातावरण छोड़कर एक ग्रहीय नीहारिका निर्मित करेगा. इसके बाद भी सूर्य का कोर चमकेगा, लेकिन तब यह एक सफेद बौना तारा होगा.
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Amazing Facts About Sun: खगोलशास्त्र के अनुसार एक दिन ये भी काफी अस्वाभाविक तरीके से मर जाएगा. वास्तव में आकाशगंगा में 99 फीसदी तारे इसी तरह से अपनी जिंदगी खत्म करते हैं. एक बार जब सूर्य अपने केंद्र में हाइड्रोजन की आपूर्ति समाप्त कर देगा, तो यह हीलियम जलाना शुरू कर देगा. इससे सूरज के ठंडक का चरण शुरू हो जाएगा. इसके बाद सूर्य इतना फूल जाएगा कि उसका बाहरी वातावरण बुध और शुक्र ग्रहों को भी अपनी चपेट में ले लेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या होता है?
खगोलशास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमा, धरती और सूरज के बीच से होकर गुजरता है. धरती से देखने पर सूर्य पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से चंद्रमा द्वारा ढंक लिया जाता है. इसका मतलब है कि धरती और सूर्य के बीच धुरी पर घूमते रहने के दौरान आमतौर पर धरती और सूरज का सीधा कनेक्शन होता है. दोनों एक दूसरे को देखते हैं, लेकिन कई बार इसी भ्रमण के दौरान चंद्रमा इन दोनों ग्रहों के बीच आ जाता है. तब वह धरती पर आनी वाली सूर्य की किरणों पर थोड़ा या ज्यादा असर डालता है.
सूर्य के खत्म होने में कितने वर्ष लग जाएंगे?
खगोलशास्त्र के अनुसार सूर्य 4,500,000,000 साल पुराना ग्रह है. सूर्य के खत्म होने में अभी 5 अरब वर्ष लग जाएंगे. संयुक्त राज्य अमेरिका के युमा और एरिजोना में 90 प्रतिशत धूप वाले दिनों में सूर्य सबसे ज्यादा तेजी से चमकता नजर आता है. सेंट पीटर्सबर्ग, फ़्लोरिडा दूसरे स्थान पर है.
पृथ्वी पर कौन-सी जगह है जहां सूर्य नहीं उगता?
आर्कटिक और अंटार्कटिक सर्किल में साल में कम से कम एक दिन ऐसा होता है, जब सूर्य उदय नहीं होता है. वहीं, एक दिन ऐसा होता है जब सूर्य अस्त नहीं होता. इसके पीछे मुख्य वजह आर्कटिक और अंटार्कटिक सर्किल का धरती के ध्रुवों के निकट स्थित होना है.
आर्कटिक और अंटार्कटिक सर्किल को किन नामों से जाना जाता है?
ग्रीष्म संक्रांति (उत्तर में 21 जून और दक्षिण में 21 दिसंबर) पर सूर्य अस्त नहीं होता. वहीं, शीतकालीन संक्रांति (उत्तर में 21 दिसंबर और दक्षिण में 21 जून) पर सूर्य उगता नहीं है. इसी वजह आर्कटिक और अंटार्कटिक को गर्मियों में 'आधी रात के सूरज की भूमि' और सर्दियों में 'दोपहर के अंधेरे की भूमि' कहते हैं.