Indian Cricketers Retirement: घरेलू क्रिकेट में शानदार छाप छोड़ने वाले पांच दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन के खत्म होने के साथ ही क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया है. इन खिलाड़ियों में बंगाल के दिग्गज मनोज तिवारी, झारखंड के बल्लेबाज सौरभ तिवारी और तेज गेंदबाज वरुण आरोन, मुंबई के धवल कुलकर्णी और विदर्भ के रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान फैज फजल शामिल हैं.
इन सभी खिलाड़ियों ने संन्यास लेने के अलग-अलग कारण बताए हैं, जिनमें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का कॉन्ट्रैक्ट नहीं होना और भारत की नेशनल टीम में जगह बनाने की उम्मीद खत्म होना शामिल है. इन कारणों से ये खिलाड़ी दूसरे काम या फिर राजनीति से जुड़ना चाहते हैं. आरोन, मनोज और फजल ने उसी मैदान पर अपने करियर को अलविदा कहा, जहां से उन्होंने अपने घरेलू क्रिकेट की शुरुआत की और भारत के लिए खेलने का सपना देखा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
बंगाल के मनोज तिवारी ने सोमवार को बिहार के खिलाफ अपनी टीम को जीत दिलाकर अलविदा कहा. यह 38 वर्षीय खिलाड़ी 19 साल तक अपने राज्य की तरफ से खेलता रहा. इतना ही नहीं उन्होंने पिछले सीजन में बंगाल को रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस आक्रामक बल्लेबाज के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10000 से अधिक रन दर्ज हैं. वह भारत की नेशनल टीम के लिए 15 मैच खेले हैं. वहीं, आईपीएल में उन्हें 98 मैचों का अनुभव है. हालांकि, 2015 के बाद से उन्हें भारत के किसी भी फॉर्मेट में जगह नहीं मिली है. वहीं, 2018 में आखिरी बार आईपीएल का हिस्सा थे.
आक्रामक बल्लेबाज सौरभ तिवारी के संन्यास लेने से झारखंड टीम को झटका जरूर लगा होगा. सौरभ 17 साल तक झारखंड की टीम की तरफ से खेले. उन्होंने 115 फर्स्ट क्लास मैचों में 8030 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि अगर आपको राष्ट्रीय टीम या आईपीएल में जगह नहीं मिलती है तो फिर युवा खिलाड़ियों के लिए जगह छोड़ने का यह सही समय है.' सौरभ ने भारत के लिए सिर्फ 3 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. 2010 के बाद से उन्हें भारत के लिए किसी फॉर्मेट में जगह नहीं मिली, जबकि 93 आईपीएल मैच खेल चुका यही बल्लेबाज 2021 में इस टूर्नामेंट का आखिरी मैच खेला था.
भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक वरुण आरोन लगातार चोटिल होने के कारण अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए. उनके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 66 मैच में 173 विकेट शामिल हैं. वरुण भारत के लिए 18 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. 2015 के बाद से उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. वहीं, आईपीएल में 52 मैचों का अनुभव रखने वाले इस गेंदबाज ने 2022 में आखिरी आईपीएल मैच खेला था.
फैज फजल 21 साल तक विदर्भ की तरफ से खेले. इस सलामी बल्लेबाज की अगुवाई में विदर्भ ने 2018 में रणजी ट्रॉफी जीती थी. उस सिआन में उन्होंने अपनी टीम की तरफ से सर्वाधिक रन बनाए थे. उनके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 9183 रन दर्ज हैं. फजल ने भारत की तरफ से 2016 में जिंबॉब्वे के खिलाफ एकमात्र वनडे मैच खेला था, जिसमें उन्होंने नाबाद 55 रन बनाए थे. इसके बाद उन्हें भारत के कभी खेलने का मौका नहीं मिला. फैज ने 12 आईपीएल मैच भी खेले हैं. आखिरी बार 2011 में कोई आईपीएल मैच खेलते नजर आए थे.
मुंबई के धवल कुलकर्णी को अपनी स्विंग, मूवमेंट और सटीक गेंदबाजी के लिए जाना जाता है. वह घरेलू क्रिकेट के सबसे विश्वसनीय तेज गेंदबाजों में शामिल रहे हैं. कुलकर्णी ने 17 साल तक चले अपने घरेलू करियर में कई यादगार प्रदर्शन किए. इस 35 वर्षीय तेज गेंदबाज ने 95 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिनमें 27.31 की औसत से 281 विकेट लिए. वह भारत के लिए 14 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. 2016 में उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था. धवल ने 92 आईपीएल मैच भी खेले हैं और आखिरी बार 2021 में आईपीएल का हिस्सा थे.
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