FIDE World Cup 2023: भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा (R Praggnanandhaa) ने मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) को फिडे वर्ल्ड कप शतरंज टूर्नामेंट के फाइनल की पहली क्लासिकल बाजी में बराबरी पर रोका.
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FIDE World Cup Final: भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा (R Praggnanandhaa) ने फिडे वर्ल्ड कप शतरंज (FIDE World Cup Final) टूर्नामेंट के फाइनल की पहली क्लासिकल बाजी में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) को बराबरी पर रोका. भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर ने अपने से अधिक अनुभवी और बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ी के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन किया और सफेल मोहरों से खेलते हुए विरोधी खिलाड़ी को 35 चाल के बाद ड्रॉ के लिए राजी किया.
23 अगस्त को खेली जाएगी फाइनल की दूसरी बाजी
बुधवार को दो क्लासिकल मैच के मुकाबले की दूसरी बाजी में मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) सफेद मोहरों से शुरुआत करेंगे और फायदे की स्थिति में रहेंगे. प्रज्ञानानंदा ने सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराकर उलटफेर करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. प्रज्ञानानंदा महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. वह 2024 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर चुके हैं.
कौन हैं R Praggnanandhaa?
दरअसल, R Praggnanandhaa एक भारतीय चेस प्लेयर है, जिनका जन्म 5 अगस्त को साल 2005 में हुआ था। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद ने बेहद ही कम उम्र में अपने टैलेंट का लोहा मनवाया। साल 2022 में ग्रैंडमास्टर का टाइटर जीता. साल 2013 में ने वर्ल्ड युथ चेस चैंपियनशिप अंडर-8 का टाइटल जीता था और सात साल की उम्र में उन्होंने FIDE Master और साल 2015 में उन्होंने अंडर-10 का टाइटल अपने नाम किया. आर प्रज्ञानानंदा ने साल 2022 में ग्रैंडमास्टर का टाइटल भी जीता था.