Chetan Chauhan: भारतीय टीम में कई अविश्वसनीय करियर देखने को मिले. जिसमें से एक नाम सुनील गावस्कर के जोड़ीदार चेतन चौहान का भी है, जिन्होंने क्रिकेट के मैदान से लेकर राजनीति की पिच पर भी शानदार खेल दिखाया. लेकिन उनका टीम इंडिया के लिए शतक ठोकने का सापना अधूरा रह गया.
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Chetan Chauhan: भारतीय टीम में कई अविश्वसनीय करियर देखने को मिले. जिसमें से एक नाम सुनील गावस्कर के जोड़ीदार चेतन चौहान का भी है, जिन्होंने क्रिकेट के मैदान से लेकर राजनीति की पिच पर भी शानदार खेल दिखाया. लेकिन उनका टीम इंडिया के लिए शतक ठोकने का सापना अधूरा रह गया. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान का क्रिकेट और राजनीतिक करियर शानदार रहा था. राजनीति के मैदान में भी अपना लोहा मनवाने वाले चेतन चौहान कोरोना काल के दौरान 16 अगस्त 2020 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह गए.
गावस्कर के पार्टनर के तौर पर बनाई पहचान
चेतन चौहान ने भारतीय क्रिकेट में सुनील गावस्कर के 'सबसे बड़े पार्टनर' के रूप में पहचान बनाई थी. उन्होंने अपने 12 साल के करियर में खूब सुर्खियां बटोरी. चेतन चौहान का जन्म 21 जुलाई 1947 में बरेली में हुआ था. उन्होंने 1969 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था. साल 1981 में उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर खत्म हो गया लेकिन 1985 में उन्होंने कॉम्पिटिटिव मैच खेला. उन्होंने कई मैचों में गावस्कर के साथ मिलकर गेंदबाजों को विकेट की भीख मंगवाने पर मजबूर कर दिया. सहवाग-गंभीर की जोड़ी आने तक, यह जोड़ी दस शतकीय साझेदारियों के साथ टेस्ट क्रिकेट में सबसे सफल भारतीय सलामी जोड़ी थी.
कभी नहीं आया शतक
गावस्कर-चौहान की साझेदारी का सबसे बड़ा कारनामा 1979 में ओवल में हुआ जब उन्होंने 213 रन जोड़े और विजय मर्चेंट-मुश्ताक अली का प्रसिद्ध रिकॉर्ड तोड़ा. 1936 में ओल्ड ट्रैफर्ड में इस जोड़ी के बीच 203 रन की साझेदारी देखने को मिली थी, इस दौरान चौहान ने 80 रन बनाए. लेकिन चेतन चौहान के नसीब में शतक नहीं था. टीम इंडिया के लिए शतक लगाने का सपना उनके लिए अधूरा रह गया. उन्होंने टेस्ट मैचों में उनके कुल रन 2000 से अधिक थे (वह टेस्ट इतिहास में बिना शतक के 2000 से अधिक रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी थे).
राजनीति में बिखेरा जलवा
संन्यास लेने के बाद चौहान उत्तर क्षेत्र से चयनकर्ता बन गए थे. बता दें, चेतन ने टीम इंडिया की मैनेजर की भूमिका भी निभाई. उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में 31.57 के एवरेज से 2084 रन बनाए थे, जिसमें 16 अर्धशतक शामिल रहे. 7 वनडे इंटरनेशनल मैचों 21.86 के एवरेज से 153 रन बनाए. उन्होंने चुनावी पिच पर उतरने का फैसला लिया और यहां भी जलवा बिखेरा. 1991 के लोकसभा चुनाव में अमरोहा से बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे. अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की. दिलचस्प बात ये है कि उस समय देश में कांग्रेस का दबदबा था और केंद्र में कांग्रेस ने ही बाजी मारी थी. लेकिन बीजेपी की ओर से अपना पहला चुनाव लड़ रहे चेतन ने शानदार जीत दर्ज कर सभी को हैरान कर दिया था.