Paris Paralympics: भारत को लगा बड़ा झटका! गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर पर 18 महीने का लगा बैन, जानें पूरा मामला
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Paris Paralympics: भारत को लगा बड़ा झटका! गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर पर 18 महीने का लगा बैन, जानें पूरा मामला

Paris Paralympics 2024: पेरिस में ओलंपिक गेम्स के समापन के बाद पैरालंपिक खेलों की शुरुआत होगी. उससे पहले भारत को बड़ा झटका लगा. गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर प्रमोद भगत पर बैन लगा दिया है.

Paris Paralympics: भारत को लगा बड़ा झटका! गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर पर 18 महीने का लगा बैन, जानें पूरा मामला

Paris Paralympics 2024: पेरिस में ओलंपिक गेम्स के समापन के बाद पैरालंपिक खेलों की शुरुआत होगी. उससे पहले भारत को बड़ा झटका लगा. गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर प्रमोद भगत पर बैन लगा दिया है. वह टोक्यो पैरालंपिक में चैंपियन बने थे. इस बार भी प्रमोद गोल्ड मेडल के दावेदार थे, लेकिन उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है. बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने प्रमोद भगत पर बैन लगाया है. 

प्रमोद पर क्यों लगा बैन?

बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने बताया कि डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के लिए 18 महीने के लिए प्रमोद भगत को निलंबित कर दिया गया है. निलंबन के कारण वह पेरिस पैरालंपिक में भाग नहीं ले पाएंगे. BWF ने अपने बयान में कहा, ''1 मार्च 2024 को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट (CAS) एंटी-डोपिंग डिवीजन ने भगत को 12 महीनों के भीतर तीन बार ठिकाने की जानकारी न देने के लिए BWF एंटी-डोपिंग नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया.''

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बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने क्या कहा?

BWF ने कहा, "SL3 एथलीट भगत ने इस निर्णय के खिलाफ CAS अपील डिवीजन में अपील की. ​​29 जुलाई 2024 को CAS अपील डिवीजन ने भगत की अपील को खारिज कर दिया और 1 मार्च 2024 के CAS एंटी-डोपिंग डिवीजन के निर्णय की पुष्टि की."' भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक में मेंस सिंगल्स SL3 वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराया था.

टोक्यो में मिली थी शानदार जीत

35 वर्षीय भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक फाइनल में पीछे से वापसी करते हुए अपने चिर प्रतिद्वंद्वी को लगभग एक घंटे 40 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में 14-21, 21-15, 21-15 से हराया था. भगत ने अपना चौथा सिंगल्स खिताब जीता था. इससे पहले उन्होंने 2015, 2019 और 2022 में तीन बार यही मेडल जीता था.

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'यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण'

भारतीय पैरा-बैडमिंटन के मुख्य कोच गौरव खन्ना ने कहा, ''यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. पैरालिंपिक में भारत के लिए मेडल जीतना उनका पक्का इरादा था, लेकिन वह एक योद्धा हैं और मुझे यकीन है कि वह और मजबूत होकर वापसी करेंगे." भगत को पांच साल की उम्र में पोलियो हो गया था. इस कारण उनके बाएं पैर में विकलांगता हो गई थी. वह दो बार एशियन गेम्स में भी गोल्ड जीत चुके हैं. अपनी कैटेगरी में वह दुनिया के नंबर-3 खिलाड़ी हैं.

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