Opinion: Vinesh Phogat माफी नहीं, मां से कहना पूरा भारत आज तुम पर गर्व कर रहा है
Advertisement
trendingNow12373487

Opinion: Vinesh Phogat माफी नहीं, मां से कहना पूरा भारत आज तुम पर गर्व कर रहा है

Vinesh Phogat Retirement: विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक 2024 में गोल्ड मेडल से बस एक कदम दूर थीं. किसे पता था कि 100 ग्राम का वजन जीत से दूर कर देगा. अब भारत की बेटी ने संन्यास का ऐलान कर लोगों को एक और झटका दे दिया. उन्होंने मां से माफी मांगी और देशवासियों से भी लेकिन पूरा भारत आज अपनी विनेश पर गर्व कर रहा है.

Opinion: Vinesh Phogat माफी नहीं, मां से कहना पूरा भारत आज तुम पर गर्व कर रहा है

'यह हार एक विराम है, जीवन महासंग्राम है... क्‍या हार में क्‍या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं. संघर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही'...वो शायद रात में सो भी नहीं सकी. भारतीय समय के हिसाब से आज तड़के 5 बजकर 17 मिनट पर लोग सो कर उठ ही रहे थे कि सोशल मीडिया पर आई एक पोस्ट ने उन्हें भावुक कर दिया. तीन लाइनें एक ऐसे खिलाड़ी ने लिखी थीं जो कुछ घंटे पहले गोल्ड मेडल की हकदार थी लेकिन यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अध्यक्ष के जवाब से साफ हो गया कि अब विनेश फोगाट को खाली हाथ ही स्वदेश लौटना होगा. 

जरा सोचिए उनके मन में क्या चल रहा होगा. वह फाइनल से पहले एक से बढ़कर एक धुरंधरों को हराकर कितनी खुश थीं. मां से वीडियो कॉल पर गोल्ड का वादा भी किया था लेकिन अब... शायद यही सब उनके दिमाग में चल रहा था और इस 'योद्धा' ने अपने जीवना का एक बड़ा फैसला ले लिया. विनेश ने भावुक पोस्ट लिखते हुए कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया.

कुश्ती से संन्यास झटके से कम नहीं

विनेश के प्रशंसकों और भारतीयों को 24 घंटे के भीतर मिला यह दूसरा झटका था. किसी ने सोचा नहीं था कि विनेश का करियर इस तरह विराम लेगा. अपनी मां से माफी मांगते हुए उन्होंने जो लिखा, वह आंखें नम कर देगा. ये लिखते हुए भी आंखें नम हैं. 

'मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना, आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके, इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी'

आपका प्रयास ही मेडल है

लेकिन विनेश फोगाट को देश कह रहा है कि आपका प्रयास ही किसी मेडल से कम नहीं है. चैंपियन कभी हिम्मत नहीं हारते. पूरा भारत आपके साथ है. हमें आप पर गर्व है... ऐसे सैकड़ों संदेशों की बाढ़ आ गई है. सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट के लिए देशवासी लिख रहे हैं- तुमने देश को गर्व के जो पल दिए हैं, उसके लिए तुम्हारा धन्यवाद.

सच ही तो है 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से गोल्ड मेडल भले न जीता हो पर विनेश ने हर भारतीय लड़के और लड़कियों में जीत की उम्मीद भरी है, वो जज्बा जो किसी पैसे से नहीं खरीदा जा सकता. आज भारत की हर बेटी विनेश फोगाट बनना चाहती है. यह क्या किसी मेडल से कम है विनेश. नहीं, बिल्कुल नहीं. और हां मां से कहना कि आज पूरा भारत तुम पर गर्व कर रहा है. बिल्कुल भी निराश मत होना. तुम हारी नहीं, तुम तो योद्धा हो और योद्धा कभी हार नहीं मानते. 

विनेश फोगाट ने अपने 'एक्स' प्रोफाइल में लिख रखा है- एक दिन आपकी सारी मेहनत रंग लाएगी. ऐसे समय में जब उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया है, देशवासी यही कह रहे हैं कि आपकी मेहनत रंग लाई है विनेश, इससे फर्क नहीं पड़ता कि 529 ग्राम (आधा किलो) का गोल्ड मेडल आपके गले में है या नहीं. आपने हर भारतीय को चुनौतियों से टकराने का हौसला दिया है, वह किसी भी मेडल से कहीं ज्यादा वजन और चमकदार है. आने वाले सालों में जब भी भारत की कोई बेटी कुश्ती के मैट पर उतरेगी तो लोग आपके जुझारूपन और जीवटता को याद करेंगे. कैसे आपने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए भी हार नहीं मानी. 

पढ़ें: पल-पल बदला विनेश का वजन, सेमीफाइनल के दिन 100 ग्राम था कम, रात भर में ऐसे बदली कहानी

रात में आपको एहसास हुआ तो आपने बाल भी कटवा दिए. रातभर शरीर को तपाया जिससे वजन लेवल पर आ जाए लेकिन कोई बात नहीं. आपका प्रयास देश ने महसूस किया है. यही वजह है कि आप रेस से बाहर होकर भी हम भारतीयों के लिए विनर बनकर लौट रही हैं. चैंपियन की तरह आपका वेलकम करने के लिए देश इंतजार कर रहा है. हर घर में आपके लिए जश्न मनेगा. 

पढ़ें: मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई... भावुक पोस्ट लिख विनेश ने तड़के किया ऐलान

विनेश ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई थीं. कल सुबह तक उनका कम से कम सिल्वर मेडल पक्का लग रहा था लेकिन वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया. 29 साल की विनेश को क्लिनिक ले जाया गया क्योंकि सुबह उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी. एक भारतीय कोच ने कहा ,‘सुबह उसका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया. नियम इसकी अनुमति नहीं देते और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.’ 

विनेश हम भारतीयों के लिए आप योग्य थीं और योग्य रहेंगी.  

गिरते हैं शहसवार (घुड़सवार) ही मैदान-ए-जंग में, 
वो तिफ़्ल (छोटा बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले.

Trending news