Chandrayaan-3: अंतरिक्ष जाने वाले सभी रॉकेट सफेद क्यों होते हैं? साइंस की ये थ्योरी करती है काम
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Chandrayaan-3: अंतरिक्ष जाने वाले सभी रॉकेट सफेद क्यों होते हैं? साइंस की ये थ्योरी करती है काम

Chandrayaan 3 landing: 1960 के दशक में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा तक ले जाने वाले सैटर्न वी से लेकर इस जमाने का फाल्कन 9 या एरियन 5 ही नहीं, अधिकांश रॉकेट सफेद रंग के होते हैं. यह कोई संयोग नहीं है, इसके पीछे छिपा विज्ञान हैरान करने वाला है.

Chandrayaan-3: अंतरिक्ष जाने वाले सभी रॉकेट सफेद क्यों होते हैं? साइंस की ये थ्योरी करती है काम

Chandrayaan 3 landing: 1960 के दशक में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा तक ले जाने वाले सैटर्न वी से लेकर इस जमाने का फाल्कन 9 या एरियन 5 ही नहीं, अधिकांश रॉकेट सफेद रंग के होते हैं. यह कोई संयोग नहीं है, इसके पीछे छिपा विज्ञान हैरान करने वाला है.

रॉकेट मुख्य रूप से सफेद होते हैं ताकि स्पेसक्राफ्ट गर्म न हो. साथ ही इसके अंदर क्रायोजेनिक प्रोपलेंट्स यानी प्रणोदकों को लॉन्चपैड पर और लॉन्चिंग के दौरान सूर्य के रेडिएशन के संपर्क में आने के परिणामस्वरूप गर्म होने से बचाया जा सके.

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ज्यादातर स्पेक्राफ्ट ऐसे प्रोपलेंट्स का इस्तेमाल करते हैं जो अत्यधिक ठंडे होते हैं. अधिकांश रॉकेट के पहले चरण में इस्तेमाल किए जाने वाले आरपी-1 ईंधन के अलावा, लगभग सभी अन्य लिक्विड प्रोपलेंट्स क्रायोजेनिक पदार्थ होते हैं. जिन्हें लिक्विड रूप में बने रहने के लिए शून्य से कम तापमान पर संग्रहित करना जरूरी होता है.

उदाहरण के लिए रॉकेट के कई ऊपरी चरणों में इस्तेमाल किए जाने वाले लिक्विड हाइड्रोजन को -253° सेल्सियस (-423° फ़ारेनहाइट) से नीचे के तापमान तक ठंडा करने की जरूरत होती है. लिक्विड ऑक्सीजन, अधिकांश लिक्विड ईंधन प्रकारों के साथ इस्तेमाल किया जाने वाला ऑक्सीडाइज़र, को -183° सेल्सियस (-297° फ़ारेनहाइट) तक ठंडा करने की जरूरत होती है.

एक बार जब इन प्रोपलेंट्स को लॉन्च वाहन में पंप किया जाता है, उस वक्त कूलिंग का कोई तरीका नहीं होता. इसलिए वे गर्म होना शुरू हो जाते हैं. इसके पीछा का कारण यह है कि अधिकांश लॉन्च सुविधाएं भूमध्य रेखा के करीब के क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां की गर्म जलवायु हीटिंग प्रक्रिया को तेज करती है.

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अब आपको बताते हैं अधिकांश रॉकेट सफेद क्यों होते हैं? स्पेक्ट्रम के सभी रंगों में से सफेद रंग सूरज की रोशनी की गर्मी को अवशोषित करने के बजाय दूर करने में सबसे प्रभावी है. धूप वाले दिन में गहरे रंग की शर्ट के बजाय सफेद रंग की शर्ट पहनकर बाहर समय बिताने वाला कोई भी व्यक्ति इस घटना को नोटिस कर सकता है.

कहने की जरूरत नहीं है, रॉकेट इंजीनियरों को इस घटना के बारे में अच्छी तरह से पता है और उन्होंने महसूस किया कि एक लॉन्च वाहन को सफेद रंग में रंगना वाहन के आंतरिक टैंकों में क्रायोजेनिक प्रोपलेंट्स के ताप को धीमा करने का एक सस्ता तरीका है.

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