What is Biomarker: आखिर जो लोग 80, 90 या 100 साल तक जीते हैं उनकी इतनी लंबी जिंदगी का राज क्या है. क्या वो कम जीने वालों से अच्छा खाते पीते हैं, क्या उनकी जिंदगी में अनुशासन अधिक होता है या वजह कुछ और है. इस विषय पर शोधकर्ताओं ने कुछ खास बायोमार्कर के बारे में बताया है जो लंबी जिंदगी का राज खोलते हैं.
Trending Photos
Long Life: ज्यादा जीने की चाहत किसे नहीं होती लेकिन दुनिया के ज्यादातर मुल्कों में जीने की उम्र 70 से 75 साल के बीच है. वैज्ञानिक शोध में यह जानकारी सामने आई कि कोई भी शख्स 100 साल की उम्र तक जी सकता है हालांकि उसके लिए आप को खास ध्यान देना होगा. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 100 साल और उसे कम उम्र के लोगों पर खास अध्ययन किया. अपनी स्टडी में इंफ्लामेशन, किडनी, लीवर, कुपोषण और एनीमिया को शामिल किया. अध्ययन में पाया गया कि जिनकी उम्र 100 साल हो चुकी थी वो लोग इन पैरामीटर पर खरे उतरे.
इन खास बायोमार्कर पर ध्यान जरूरी
उदाहरण के लिए 100 साल तक जीने वालों में ग्लूकोज का स्तर 6.5 से अधिक नहीं था वहीं रक्त में क्रेटनिन का स्तर 1.25 से कम था. यही नहीं 100 साल की जिंदगी के राज में alat और एल्बूमिन की भूमिका अहम थी.ऐसे लोग जिनमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर, आयर बाइंडिंग कैपेसिटी, मानकों के अंदर थी उनकी लाइफ एक्सपेंटेंसी 100 साल की थी और ऐसे लोग जो अपने खानपान के प्रति लापरवाह या यूं कहें कि लाइफस्टाइल खराब थी वो लोग 100 साल के करीब नहीं पहुंच सके.
अनुशासित जीवन पर जोर
गेरो साइंस में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक पोषण और शराब का सेवन जैसे कारक भूमिका निभाते हैं. जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, अपनी किडनी और लीवर के मूल्यों के साथ-साथ ग्लूकोज और यूरिक एसिड पर नजर रखना अच्छा विचार है. असाधारण उम्र यानी 100 साल तक पहुंचने में कुछ बिंदु पर मौका भूमिका निभाता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि बायोमार्कर के जरिए आप खुद अपने ऊपर आने वाले खतरे के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं. उम्र के किसी भी पड़ाव में अगर आप अपने कोलेस्ट्राल स्तर, ग्लूकोज स्तर, क्रेटनिन स्तर,यूरिक एसिड और टीआईबीसी को नियंत्रित करने में कामयाब होते हैं तो लंबी जिंदगी बिना किसी शारीरिर परेशानी के जी सकते हैं.