बारिश के रूप में आसमान से बरस रहा 'जहर', कहीं आप भी तो नहीं करते बरसात में मस्ती? हो जाएं सावधान
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बारिश के रूप में आसमान से बरस रहा 'जहर', कहीं आप भी तो नहीं करते बरसात में मस्ती? हो जाएं सावधान

एक नई स्टडी के मुताबिक पूरी दुनिया में कहीं भी बारिश का पानी शुद्ध नहीं बचा है. हम इंसानों द्वारा निकाले गए जहरीले रसायनों ने बारिश के पानी को भी अशुद्ध कर दिया है. 

बारिश के रूप में आसमान से बरस रहा 'जहर', कहीं आप भी तो नहीं करते बरसात में मस्ती? हो जाएं सावधान

Rain Water is Harmful: बारिश का मौसम किसे पसंद नहीं होता है. चाहे आपको यह मौसम पसंद हो या न, लेकिन इन दिनों बारिश हर किसी को एक न एक बार भिगा ही देती है. कुछ लोगों को तो बारिश का बेसब्री से इंतजार रहता है. वे बारिश आते ही इसमें जानबूझकर नहाते हैं. ऐसा करना कुछ समय के लिए तो आनंददायक होता है. लेकिन थोड़े समय बाद यह खतरनाक साबित हो सकता है.  

बारिश के पानी में घुल गया जहर

आपने देखा होगा कि बारिश की बूंदें गिरते ही लोग खुशी से आंखें मींज लेते हैं. मुंह खोल कर नहाते हैं. गर्मी से राहत पाते हैं. लेकिन इस राहत में घुला जहर आपके शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है. एक नई स्टडी के मुताबिक पूरी दुनिया में कहीं भी बारिश का पानी शुद्ध नहीं बचा है. हम इंसानों द्वारा निकाले गए जहरीले रसायनों ने बारिश के पानी को भी अशुद्ध कर दिया है. इनमें नए रसायन घुल रहे हैं. जिन्हें फॉरेवर केमिकल्स (Forever Chemicals) कहते हैं. आमतौर पर इन रसायनों का बड़ा हिस्सा इंसानों द्वारा बनाए गए केमिकल्स में नहीं आता. लेकिन ये बारिश में घुल रहे हैं.

क्या है फॉरेवर केमिकल?

BGR में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ स्टॉकहोम के वैज्ञानिकों ने दुनिया के ज्यादातर जगहों पर होने वाली बारिश को असुरक्षित पाया है. यहां तक कि अंटार्कटिका में भी बारिश का पानी शुद्ध नहीं बचा है. इंसानों ने वायु, धरती, जल हर जगह गंदगी फैला रखी है. प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ रहा है. ऐसे में एंड पॉली-फ्लोरोएल्किल सब्सटेंस (Per- and poly-fluoroalkyl substances - PFAS) रसायन बारिश के पानी में मिला होता है. वैज्ञानिक इसे फॉरेवर केमिकल्स कहते हैं. फॉरेवर केमिकल्स पर्यावरण में टूटते नहीं हैं. ये नॉन-स्टिक होते हैं. इनमें स्ट्रेन यानी गंदगी मिटाने की काबिलियत होती है. इनका उपयोग घर के पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉस्मेटिक्स और किचन के बर्तनों में होता है.

रिसर्च में हुआ इस बात का खुलासा

यूनिवर्सिटी ऑफ स्टॉकहोम में डिपार्टमेंट ऑफ एनवॉयरनमेंटल साइंस के प्रोफेसर और इस स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता इयान कजिन्स ने बताया कि PFAS की गाइडलाइंस में लगातार गिरावट आ रही है. वहीं दुनिया भर में इन रसायनों की मात्रा बढ़ती जा रही है. अमेरिका में इस रसायन को लेकर गाइडलाइंस का जो स्तर था उसमें 3.75 करोड़ गुना गिरावट आई है. अमेरिका ने अब जाकर नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कहा गया है कि बारिश का पानी भी पीने के लिए असुरक्षित है. दुनिया में कहीं भी वर्षाजल सुरक्षित नहीं है. 

अब सुरक्षित नहीं बचा बारिश का पानी

बता दें कि दुनिया में कई जगहों पर बारिश के पानी को पीने योग्य माना जाता है. उनका स्टोरेज करके उन्हें पिया जाता है. कई देशों में तो भारी स्टोरेज करने के बाद महीनों तक लोग बारिश का पानी पीते हैं. लेकिन अब ये पानी भी सुरक्षित नहीं बचा है. 

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