मुहम्मद फारिस: अंतरिक्ष में जाने वाला सीरिया का इकलौता एस्ट्रोनॉट, एक रिफ्यूजी की तरह हुई मौत
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मुहम्मद फारिस: अंतरिक्ष में जाने वाला सीरिया का इकलौता एस्ट्रोनॉट, एक रिफ्यूजी की तरह हुई मौत

Muhammed Faris Death: सीरिया के पहले और इकलौते एस्ट्रोनॉट, मुहम्मद फारिस का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह 2012 से तुर्की में रिफ्यूजी की तरह रह रहे थे.  

मुहम्मद फारिस: अंतरिक्ष में जाने वाला सीरिया का इकलौता एस्ट्रोनॉट, एक रिफ्यूजी की तरह हुई मौत

Muhammad Faris News: 'अरब दुनिया के आर्मस्ट्रांग' कहलाने वाले मुहम्मद फारिस नहीं रहे. 72 साल की उम्र में उन्होंने तुर्की में निर्वासित रहते हुए आखिरी सांस ली. फारिस 1987 में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले सीरिया के पहले एस्ट्रोनॉट बने थे. उनके बाद कोई दूसरा सीरियाई आज तक ऐसा नहीं कर पाया है. विडंबना ही है कि सीरिया का नाम अंतरिक्ष तक पहुंचाने वाले फारिस को अपने मुल्क में मौत नसीब नहीं हो सकी. वह पिछले करीब 12 साल से तुर्की में एक रिफ्यूजी बनकर रुके हुए थे. कोई महीना भर पहले दिल का दौरा पड़ा, उसके बाद से तबीयत ठीक नहीं रहती थी. सीरियाई एयरफोर्स के पायलट के रूप में, फारिस ने अंतरिक्ष में आठ दिन बिताए थे. वह सोवियत यूनियन के इंटरकॉसमॉस स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम का हिस्सा थे. रूसी क्रू के साथ मीर स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरते ही फारिस का नाम इतिहास में दर्ज हो गया था. वह किसी रूसी स्पेसफ्लाइट पर सवार पहले विदेशी यात्री बन गए थे.

मुहम्मद फारिस से पहले, अरब देशों से केवल एक व्यक्ति ही अंतरिक्ष की सैर पर गया था. फारिस अरब दुनिया के पहले पेशेवर एस्ट्रोनॉट थे जो स्पेस में गए. उनसे पहले, सऊदी अरब के शाही परिवार से सुल्तान बिन सलमान अल सऊद अंतरिक्ष की सैर पर जा चुके थे.

मुहम्मद फारिस: सीरिया छोड़ने पर क्यों मजबूर हुए?

1987 में जब मुहम्मद फारिस ने ऐतिहासिक उड़ान भरी, पूरा सीरिया उन्हें देखने टीवी से चिपका हुआ था. सीरिया के पूर्व राष्‍ट्रपति हाफिज अल-असद ने फारिस से फोन पर बात की थी. वह बातचीत सरकारी टीवी पर लाइव दिखाई गई. असद ने फारिस से पूछा कि वह क्या देख पा रहे हैं. फारिस ने जवाब दिया, 'मुझे अपना प्यारा मुल्क दिखाई देता है, मैं इसे उतना ही खूबसूरत और शानदार पाता हूं जितना यह सच में है.' फारिस ने बड़ी खूबसूरत बात कही थी लेकिन हाफिज को यह नामंजूर था कि उनके सिवा कोई और भी लोकप्रिय हो. 2023 की अल-जजीरा की एक डॉक्युमेंट्री में फारिस ने बताया था क‍ि उन्होंने फोन कॉल के दौरान, पहले से लिखा भाषण नहीं पढ़ा था. हाफिज इससे चिढ़ गए थे. सीरिया लौटने पर जनता ने फारिस का जोरदार स्वागत किया लेकिन हाफिज ने नाराजगी जाहिर कर दी. आमतौर पर मेडल राष्ट्रपति पहनाते हैं लेकिन फारिस को एक डिब्बे में मेडल थमा दिया गया.

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सीरियाई क्रांति का किया समर्थन

2016 में 'द गार्जियन' से इंटरव्यू में फारिस ने बताया था कि वे सीरिया में एस्ट्रोनॉट्स की फौज खड़ी करना चाहते थे. बकौल फारिस, उन्होंने राष्‍ट्रपति से एक नेशनल स्पेस प्रोग्राम फंड करने को कहा था. हालांकि, हाफिज ने फारिस की बात नहीं मानी. राष्ट्रपति की नजरों मे खटक रहे फारिस को धीरे-धीरे हाशिए पर डाल दिया गया. एक दौर में उन्हें कैडेट्स को लड़ाकू विमान उड़ाने की ट्रेनिंग देने का जिम्मा सौंपा गया था. फारिस आखिरकार जनरल की रैंक पर रिटायर हुए. 

हाफिज की मौत के बाद उनके बेटे बशर अल-असद राष्ट्रपति बने. उसी दौर में सीरिया में क्रांति शुरू हुई, फारिस उसके समर्थन में थे. खुले तौर पर सीरियाई सरकार का विरोध करते हुए उन्होंने 2012 में सीरिया छोड़ने का फैसला किया. वह तुर्की शिफ्ट हो गए और मरते दम तक वहीं रहे. 2020 में फारिस को तुर्की की नागरिकता मिल गई थी.

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