Dangerous Viruses Shocking Study: कोरोना वायरस की तबाही अंत समय तक नहीं भूली जा सकती है. दुनिया भर में करोड़ों मौत का कारण बने इस वायरस के जिक्र भर से डर लगता है.
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Dangerous Viruses Shocking Study: कोरोना वायरस की तबाही अंत समय तक नहीं भूली जा सकती है. दुनिया भर में करोड़ों मौत का कारण बने इस वायरस के जिक्र भर से डर लगता है. लेकिन इससे भी बड़ा डर यह है कि कोरोना से भी घातक वायरस मौजूद हैं जो दुनिया में भयावह महामारी ला सकते हैं. चिंता की बात यह है कि इन वायरस से लड़ने के लिए अभी तक न कोई टीका है ना ही पुख्ता इलाज. आइये आपको बताते हैं इन वायरस के बारे में.
30 खतरनाक वायरस..
अगली महामारी के लिए 30 खतरनाक वायरस या बैक्टिरिया जिम्मेदार हो सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक लिस्ट जारी की है. जिसमें अगली महामारी का कारण बन सकने वाले रोगाणुओं का जिक्र है और इनकी संख्या बढ़कर 30 हो गई है. इस लिस्ट में इन्फ्लुएंजा ए वायरस, डेंगू वायरस और मंकीपॉक्स वायरस को 'प्राथमिकता वाले रोगाणुओं' में शामिल किया गया है. इस लिस्ट को जारी करने के पीछे का उद्देश्य उपचार, टीके और निदान विकसित करने के प्रयासों को बढ़ावा देना है.
कोई टीका नहीं.. कोई इलाज नहीं
इस लिस्ट को पुख्ता साक्ष्य के आधार पर तैयार किया गया है. जिसमें संकेत मिलता है कि ये रोगाणु अत्यधिक संक्रामक और घातक हैं. और इनके लिए कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है. डब्ल्यूएचओ के आर एंड डी ब्लूप्रिंट फॉर एपिडेमिक्स की प्रमुख अना मारिया हेनाओ रेस्ट्रेपो ने कहा कि प्राथमिकता निर्धारण प्रक्रिया महत्वपूर्ण ज्ञान अंतरालों की पहचान करने में मदद करती है. जिन्हें तत्काल संबोधित करने की जरूरत है.
200 से अधिक वैज्ञानिकों ने की स्टडी
पिछले दो सालों में 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने 1,652 से अधिक रोगाणु प्रजातियों - ज्यादातर वायरस और कुछ बैक्टीरिया का मूल्यांकन किया. लंबी-चौड़ी स्टडी के बाद 30 घातक रोगाणुओं की पहचान की गई. जिनमें सार्स-कोव-2.. जो वैश्विक कोविड-19 महामारी का कारण बना और मर्बेकोवायरस.. जिसमें मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (एमईआरएस) का कारण बनने वाला वायरस शामिल हैं. 2022 में वैश्विक एमपॉक्स प्रकोप का कारण बना मंकीपॉक्स वायरस भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है.
कई घातक वायरस इस लिस्ट में शामिल
चेचक का कारण बनने वाले वैरियोला वायरस को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है. हालांकि इसे 1980 में खत्म कर दिया गया था. लोग अब इसके लिए टीकाकरण नहीं ले रहे हैं, इसलिए इसके प्रति प्रतिरक्षा नहीं बन रही है. वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी कि वायरस का संभावित रूप से "आतंकवादियों द्वारा जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल" किया जा सकता है. लिस्ट में आधे दर्जन इन्फ्लुएंजा ए वायरस हैं, जिनमें एच5 भी शामिल है, जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका में मवेशियों में प्रकोप शुरू किया था. वैज्ञानिकों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और तेजी से शहरीकरण से इन वायरसों के बड़े पैमाने पर संचारित होने का जोखिम बढ़ सकता है.