Rahu Dosh: राहु के अशुभ होने पर होने लगती हैं ऐसी अनहोनी, समय से कर लें ये उपाय वरना होगा ऐसा...
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Rahu Dosh: राहु के अशुभ होने पर होने लगती हैं ऐसी अनहोनी, समय से कर लें ये उपाय वरना होगा ऐसा...

Rahu Effect In Kundali: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है. कहते हैं कि राहु की अशुभ छाया पड़ने पर व्यक्ति दिमाग पर से संतुलन खो देता है और भ्रमित रहने लगता है. ऐसे में राहु को शांत करना बहुत जरूरी हो जाता है. 

 

rahu dosh upay

Rahu Dosh Remedies: बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह कहा जाता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राहु को क्रूर ग्रह माना गया है. ऐसे में कुंडली में राहु के अशुभ होने पर व्यक्ति के जीवन में अशुभ घटनाएं घटने लगती हैं. ऐसे में व्यक्ति को नींद न आना, डरावने सपने आना, सोते समय बार-बार डर जाना, शरीर में कमजोरी या फिर बहुत ज्यादा आलस राहु के कुंडली में अशुभ होने के संकेत हैं. 

शास्त्रों में कहा गया है कि जब व्यक्ति की कुंडली में राहु अशुभ फल दे रहा हो, तो उसे शांत करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपायों का जिक्र किया गया है. इन उपायों को अपना कर जीवन में हो रही घटनाओं और अनहोनियों को कम किया जा सकता है. जानें राहु दोष के लक्ष्ण और इन्हें दूर करने के आसान उपाय.  

व्यक्ति के जीवन पर राहु के प्रभाव

आर्थिक स्थिति

राहु का प्रभाव व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर भी होता है. अगर राहु आपकी कुंडली में शुभ स्थान पर है, तो आपको अच्छी आर्थिक स्थिति मिल सकती है. 

करियर और व्यापार

व्यक्ति के करियर में भी राहु का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है. अगर राहु अशुभ स्थिति में है, तो यह कारण हो सकता है अनियमितता और चुनौतियों का.

स्वास्थ्य पर प्रभाव

अशुभ स्थिति में रहने वाला राहु व्यक्ति के स्वास्थ्य में समस्याओं का कारण बन सकता है.

मानसिक स्वास्थ्य

ज्योतिष में माना जाता है कि राहु का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है. अनवांछित सोच, अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं का कारण राहु हो सकता है. 

राहु दोष से मुक्ति के उपाय 

1. राहु मंत्र जप:

"ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों स: राहवे नम:" - यह मंत्र राहु के अशुभ प्रभाव को शांत करने में मदद करता है. इसे जपने से मन और आत्मा में शांति आती है.  जप ध्यानपूर्वक और नियमितता से किया जाना चाहिए. प्रतिदिन निर्धारित संख्या में जप करने से अधिक लाभ होता है. 

2. हेस्सोनाइट (गोमेद) पहनना:

हेस्सोनाइट या गोमेद रत्न राहु को प्रसन्न करने के लिए पहना जाता है. यह व्यक्ति को राहु के नकारात्मक प्रभाव से बचाव करता है.
इस रत्न को पहनने से पहले ज्योतिषी से सलाह लेना चाहिए और इसे उचित विधि से पूजित करना चाहिए. 

3. सर्प दान:

राहु दोष वाले व्यक्तियों के लिए सर्प दान की सलाह दी जाती है. इसका मुख्य उद्देश्य राहु के अशुभ प्रभाव को कम करना है.
इसे किसी पांडित या ज्योतिषी की मार्गदर्शन में ही करना चाहिए. 

4. तिल और काली चना दान:

राहु के प्रभाव को कम करने के लिए तिल और काली चना का दान भी उपयोगी होता है. यह विधि विशेष रूप से राहु के अशुभ प्रभाव को शांत करने के लिए ही अनुष्ठित की जाती है. यह दान सप्ताह में एक बार, विशेष रूप से शनिवार को किया जाता है. 

5. ध्यान और योग:

ध्यान और योग के माध्यम से मन और आत्मा को शांति और संतुलन प्राप्त होता है. इससे राहु जैसे अशुभ प्रभावों को भी नियंत्रित किया जा सकता है.  ध्यान में बैठने से मन में आवाजें शांत होती हैं और योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. 

राहु के प्रभाव और उपायों को समझने से पहले हमें यह समझना महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति की कुंडली और जीवन की परिस्थितियां अलग होती हैं. इसलिए, विशेषज्ञ से सही मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए.

राहु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर अधिक होता है, लेकिन इसे सही दिशा में मार्गदर्शन करने वाले उपायों और प्रयासों से संतुलित किया जा सकता है. यदि आप महसूस करते हैं कि आपके जीवन में राहु का प्रभाव है, तो आपको ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)   

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