Jagannath Mandir Puri: पुरी के जगन्‍नाथ मंदिर में अब सख्‍त होगा पहरा, गैर हिंदू होने के शक पर पूछा जाएगा गोत्र
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Jagannath Mandir Puri: पुरी के जगन्‍नाथ मंदिर में अब सख्‍त होगा पहरा, गैर हिंदू होने के शक पर पूछा जाएगा गोत्र

पुरी जगन्‍नाथ मंदिर प्रवेश नियम: देश के चार धाम में से एक पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश को लेकर अब सुरक्षा में सख्‍ती बढ़ाई जा रही है. यह कदम मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश को रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं. 

Jagannath Mandir Puri: पुरी के जगन्‍नाथ मंदिर में अब सख्‍त होगा पहरा, गैर हिंदू होने के शक पर पूछा जाएगा गोत्र

Puri Jagannath Temple New Rules: बीते कुछ दिनों में ओडिशा के पुरी शहर में स्थित जगन्‍नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश की कुछ घटनाएं सामने आईं हैं. जगन्‍नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर हमेशा से रोक रही है. लेकिन बीते कुछ दिनों में 3 गैर हिंदुओं ने मंदिर की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को धता बताते हुए मंदिर में प्रवेश कर लिया. इनमें 2 विदेशी नागरिक भी शामिल थे. जिन्‍हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया. इन घटनाओं के चलते मंदिर के चारों द्वार पर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है. इसके लिए जगन्नाथ मंदिर पुलिस के अलावा इन द्वारों पर सेवकों को भी तैनात किया जाएगा. 

पहचान पत्र के अलावा गोत्र भी पूछेंगे 
 
जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने बताया कि ये सेवक मंदिर में प्रवेश कर रहे श्रद्धालुओं पर नजर रहेंगे और उनके गैर-हिंदू होने पर उनकी जांच करेंगे. इसके लिए उनका पहचान पत्र देखने के अलावा उनसे हिंदू धर्म से जुड़ी आस्‍था पर सवाल पूछे जा सकते हैं. साथ ही उनसे उनका गोत्र भी पूछा जा सकता है. ताकि यह पुष्टि हो सके कि वे हिंदू ही हैं. 

इससे पहले जगन्‍नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के ड्रेस कोड संबंधी नियम भी बनाए गए हैं. जिसके तहत पुरुषों के लिए पैंट-शर्ट, धोती-कुर्ता जैसे परिधान को मान्यता दी गई है. वहीं महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार-समीज का प्रावधान किया गया है. जिसका मंंदिर में आने वाले करीब 80 प्रतिशत भक्‍त पालन भी कर रहे हैं.

इंदिरा गांधी को भी नहीं मिला था प्रवेश 

पुरी के जगन्‍नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं को प्रवेश ना देने की परंपरा सदियों पुरानी है. यही वजह है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी पुरी के मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था क्‍योंकि उन्‍होंने मुस्लिम व्‍यक्ति से शादी की थी. उन्‍हें रघुनंदन पुस्तकालय से पूजा-अर्चना करके ही लौटना पड़ा था. इसी तरह स्विस महिला एलिजाबेथ जिगलर को भी जगन्‍नाथ मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था जबकि उन्‍होंने मंदिर को 1.78 करोड़ रुपए दान में दिए थे. 

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