अधिक माह की शुरुआत 18 जुलाई से हुई थी और 16 अगस्त तक ये माह रहने वाला है. इस माह में किए गए कुछ खास उपाय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं और घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस माह में आने वाली एकादशी का भी विशेष महत्व बताया गया है.
कहते हैं कि अधिक मास में इस से एकादशी का व्रत 3 साल में एक बार रखा जाता है. अधिकमास एकादशी के दिन पीपल के पेड़ में जल-दूध अर्पित करें. शाम के समय इसमें दीपक लगाकर इस मंत्र का जाप करने से श्री हरि के साथ मां लक्ष्मी की प्राप्ति होती है. मंत्र है- मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।। आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
कहते हैं कि अधिकमास में किए गए इस उपाय से धन की कमी दूर होती है. साथ ही, व्यक्ति को धन लाभ होता है और धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति में सुधार आता है. साधक पूर्वजों के आशीर्वाद से जीवन में खूब तरक्की करते हैं.
मान्यता है कि इस माह में तीर्थ स्नान करने से आरोग्य और अमृत की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही, अधिकमास के बचे हुए दिनों में तीर्थ स्थल पर पवित्र नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होगी.
अगर आपके घर में क्लेश रहता है, परिवार की सुख-शांति को किसा की नजर आदि लग गई है, तो अधिकमास में किसी मंदिर में जाकर ध्वजा दान करने से लाभ होता है. इसके साथ ही, दीपदान भी अवश्य करें. इससे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पीड़ा दूर होती है.
कहते हैं कि इस माह में सुहाग की सामग्री, अन्न, धन, कपड़े आदि का दान करना शुभ माना गया है. इससे कभी न खत्म होने वाला पुण्य फल प्राप्त होता है. इतना ही नहीं, दुख-दरिद्रता से मुक्ति मिलती है.
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