Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का त्योहार माता दुर्गा को समर्पित होता है. पूरे साल में 4 नवरात्रि होती हैं जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि-दूसरा शारदीय नवरात्रि. इस साल 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि से ही हिन्दू नववर्ष की भी शुरुआत हो जाती है. नवरात्रि में माता के भक्त जगत जननी को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा और व्रत रखते हैं. आज हम आपको माता रानी के 5 मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां आप नवरात्रि में दर्शन कर सकते हैं. मान्यता है कि इन मंदिरों में पूजा अर्चना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
ज्वाला देवी मंदिर पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में स्थित है. यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. धार्मिक कथाओं के अनुसार ज्वाला देवी में सती माता की जीभ गिरी थी और प्राचीन समय से यहां धरती के अंदर से अग्नि जल रही है. ये अग्नि कभी शांत नहीं होती है. आप चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर यहां जरूर दर्शन करने जा सकते हैं.
नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार यहां सती माता के नेत्र गिरे थे जिस कारण से इस मंदिर का नाम नैना देवी मंदिर है. ये मंदिर उत्तराखंड में स्थित है. नंदा अष्टमी के अवसर पर नैना देवी मंदिर में एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जहां भारी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. ये उत्सव नैना देवी मंदिर के बाहर 8 दिनों तक चलता है.
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार में स्थित है. भगवान शिव की मानस पुत्री और नागराज वासुकी की बहन के रूप में मां मनसा देवी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्त यहां आता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मनसा देवी में भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए पेड़ की डाली से पवित्र धागा बांधते हैं और जब मनोकामनाएं पूरी हो जाती है तो वापस आकर इस धागे को खोल देते हैं.
कामाख्या देवी मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है. ये मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है. माता के इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां माता रानी की न कोई मूर्ति है और न ही कोई तस्वीर. यहां एक कुंड है, जो हमेशा ही फूलों सें ढंका हुआ रहता है. इस मंदिर में माता की योनी की पूजा की जाती है.
वैष्णो देवी मंदिर जम्मू कश्मीर के कटरा में स्थित है. देश के कोने-कोने से यहां श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. माता रानी का ये मंदिर त्रिकुट पर्वत पर स्थित है. नवरात्रि के अवसर पर यहां मंदिर को बहुत सुंदर फूलों से सजाया जाता है. पूरे साल यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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