Navratri 2023: नवरात्रि में करें देवी के इन 9 रूपों की आराधना, शक्ति और सामर्थ्य की होगी प्राप्ति
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Navratri 2023: नवरात्रि में करें देवी के इन 9 रूपों की आराधना, शक्ति और सामर्थ्य की होगी प्राप्ति

Navratri 2023: नवरात्रि हिंदू धर्म में नौ रातों तक मां दुर्गा की नौ विभिन्न रूपों की उपासना का पर्व है. इस अवसर पर भक्त अपनी आस्था और श्रद्धा से मां भगवती की पूजा आयोजित करते हैं. इस समय व्रत, भजन, कीर्तन और गर्बा जैसी परंपराएं की मान्यता है. यह पर्व भारतीय समाज में शुभता, सद्गुण और बुराई पर अच्छाई की विजय को प्रदर्शित करता है.

Shardiya Navratri 2023

Navratri 2023: संसार के सभी जीवों में एक ही शक्ति ही विद्यमान है, बिन इस शक्ति के प्राणी का शरीर निर्जीव हो जाता है. यह शक्ति ही मां भगवती हैं जिन्हें हम लोग उनके गुणों और कार्यों के अनुसार अलग-अलग नामों से जानते हैं जैसे महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, दुर्गा, चंडिका, चामुंडा, शैलपुत्री आदि. मां भगवती आदि शक्ति हैं, इसलिए नवरात्रि में उनकी उपासना की जाती है. 

ग्रह नक्षत्रों में भी है शक्तियां
12 राशियों, 27 नक्षत्रों और नवग्रहों में भी शक्तियां निहित हैं. ये शक्तियां ही सृष्टि में किसी भी क्रिया को गति प्रदान करती हैं. जो लोगों की प्रगति या अवनति कराती है. ज्योतिषीय फलादेश ग्रह नक्षत्रों के आधार पर भले ही क्यों न कि जाए, लेकिन उनमे संहारक और निर्णयात्मक शक्तियों का बोलबाला रहता है. ये दोनों ही शिव शक्ति स्वरूपा हैं. 

मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

शक्ति स्वरूपा
शक्ति स्वरूपा देवी को केवल भारतीय लोग ही नहीं स्वीकारते हैं, बल्कि अब तो संसार के अनेकों देशों के लोगों में यह सोच पैदा हो रही है. इसी संदर्भ में समझना चाहिए कि अर्धनारीश्वर की अवधारणा सिर्फ एक कल्पना नहीं है बल्कि एक ऐसा सत्य है जो जीव से लेकर अनंत ब्राह्मांड तक दो आकर्षणीय स्वरूपों में मौजूद है. इन्हें कोई नर और मादा, धन और ऋण, शिव और शक्ति के नाम से जाना जाता है.

शारदीय नवरात्रि 15 से, करें देवी के नौ रूपों की आराधना
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 15 अक्टूबर, रविवार से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं. नवमी 23 अक्टूबर सोमवार को होगी. आप भी देवी के नौ रूपों की आराधना कर शक्ति और सामर्थ्य प्राप्त करें. शक्ति को दुर्गा, चंडिका, चामुंडा, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, शैलपुत्री, चन्द्रघंटा, कूष्मांडा आदि कई नामों से पुकारा जाता है किंतु वह सब एक ही हैं यह नाम तो विभिन्न काल और अवस्थाओं में उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर हैं.

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