Maa Katyayani: आज ही कर लें मां कात्यायनी की ये पूजा, बिगड़े काम बन जाएंगे
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Maa Katyayani: आज ही कर लें मां कात्यायनी की ये पूजा, बिगड़े काम बन जाएंगे

Navratri 2022: घर से लेकर मंदिरों तक माता के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है. नवरात्रि का छठा दिन मां कात्‍यायनी का होता है. उन्‍हें प्रसन्‍न करने के लिए उनकी पूजा किस तरह करनी चाहिए? 

Maa Katyayani: आज ही कर लें मां कात्यायनी की ये पूजा, बिगड़े काम बन जाएंगे

Maa Katyayani Katha: नवरात्रि के महापर्व पर पूरा देश शक्ति की उपासना में डूबा हुआ है. नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की आराधना का दिन होता है. नवरात्रि (Navratri) का हर दिन श्रद्धा, भक्ति और आस्था की लहरें भक्ति रस के समंदर में उमड़ रहा है. श्रद्धालु मां की भक्ति में डूबे हुए हैं. लोगों के घर से लेकर मंदिरों तक मां के जयकारें सुनाई दे रहे हैं. श्रद्धालु माता के दर्शन कर मंगल कामना कर रहे हैं. ऐसे में हम आपको मां कात्‍यायनी की पूजा के बारे में बता रहे हैं. जो लोग अविवाहित है, उन्‍हें मां कात्‍यायनी की पूजा किस तरह करनी चाहिए ये अवश्‍य जान लीजिए.

छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना

आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी (Maa Katyayani) की आराधना की जाती है. शास्त्रों के मुताबिक, कत नामक प्रसिद्ध महर्षि के कुल में ऋषि कात्यायन भगवती मां के सबसे बड़े उपासक थे. उन्होंने मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए कई सालों तक घोर तपस्या की थी. 

कात्यायनी देवी नाम क्‍यों पड़ा? 
 
जब मां भगवती उनकी तपस्या से खुश होकर उनके सामने प्रकट हुई तो उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए मां भगवती को अपने घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने को कहा. मां भगवती ने उनकी यह प्रार्थना को स्वीकार कर लिया और उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया. आपको बता दें कि कात्यायन ऋषि के घर पर जन्म होने की वजह से इनका नाम कात्यायनी पड़ गया. इस कारण देवी का यह स्वरूप कात्यायनी कहलाया.

ज्योतिष का क्या कहना है? 

ज्योतिष बताते हैं कि मां कात्यायनी जी की पूजा करने से भक्त के भीतर अद्भुत शक्ति का संचार होता है. जन्मों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इनकी उपासना करने से परम पद की प्राप्ति होती है. मां कात्यायनी की भक्ति से लोगों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

विवाह का योग बनेगा 

मां कात्यायनी का स्वरूप बहुत ही दिव्य और सिंह की सवारी और चार भुजाओं वाला होता है. उनके बाएं हाथ कमल, तलवार और दाएं हाथ स्वस्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा में होता है. आपको उपवास करने के बाद मां को शहद का भोग लगाना होगा. आपको बता दें कि अविवाहित कन्याएं अगर गुरुवार को मां कात्यायनी देवी की पूजा करती हैं तो उनके विवाह (Marriage) का योग जल्दी बन जाता है. अगर कन्याओं की शादी में देरी हो रही हो तो उन्‍हें मां कात्यायनी देवी के मंत्र का जप करना चाहिए. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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