Puja for Uttarkashi Tunnel labours: उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर तरीका आजमाया जा रहा है. इस बीच मजदूरों को सकुशल निकालने के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी विशेष पूजा-अर्चना की गई.
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Ujjain Mahakal Mandir: देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में 41 मजदूरों को फंसे हुए 13 दिन हो गए हैं. सरकार और देश-दुनिया के विशेषज्ञ मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस काम में सफलता नहीं मिली है. इस बीच पूरे देश में मजदूरों की जिंदगी के लिए दुआओं-प्रार्थनाओं का दौर भी जारी है. घटनास्थल पर भी एक मंदिर बनाया गया है. इस बीच उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी 41 मजदूरों की जिंदगी के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गई है. महाकाल मंदिर में पुजारियों की एक टीम ने भगवान महाकाल के सामने महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया और मजदूरों के सुरक्षित निकाले जाने की प्रार्थना की.
महाकाल का किया विशेष जलाभिषेक
इस दौरान भगवान महाकाल का विशेष जलाभिषेक भी किया गया और भगवान से सभी मजदूरों के सकुशन बाहर निकल आने के लिए प्रार्थना भी की गई. अब मजदूर को बचाने के लिए बनाया जा वैकल्पिक रास्ता काफी करीब तक पहुंच गया है और जल्द ही मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि 13 दिन से चल रहे इन प्रयासों में कई बार बाधाएं आईं. इसमें मशीनों का खराब होना, सुरंग में रुक-रुक कर मिट्टी का गिरना शामिल है. ऐसे में जब तक मजदूर सकुशल बाहर नहीं निकल आते हैं, तब तक सभी की जान अटकी हुई है. ऐसे में महाकाल से इन मजदूरों की जिंदगी के लिए प्रार्थना करना लोगों में उम्मीद जगा रहा है.
महामृत्युंजय मंत्र जाप का क्या है फायदा?
महामृत्युंजय मंत्र 'ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम. उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात.' के जाप में बड़ी ताकत है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है. पुराणों में असाध्य रोगों और अकाल मृत्यु से मुक्ति के लिए इस मंत्र के जाप का विशेष उल्लेख मिलता है. इसलिए जब भी किसी व्यक्ति के प्राण संकट में हों या असाध्य बीमारी ने घेर लिया हो तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है. इसके अलावा इस मंत्र का रोजाना जाप करने से अकाल मृत्यु का खतरा टलता है.
कालों के काल हैं महाकाल
वहीं भगवान महाकाल को लेकर मान्यता है कि यहां जब भी पूरे भक्ति भाव से किसी की जान की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की गई है तो महाकाल ने उसे जीवनदान अवश्य दिया है. इसलिए महाकाल को कालों का काल और मृत्यु का राजा कहा गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)