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साउथ कोरिया के एयर डिफेंस स्पेस में घुस गए रूस-चीन के लड़ाकू विमान, मचा हड़कंप और फिर जो हुआ...

South Korea: साउथ कोरिया में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब चीन के 5 और रूस के 6 सैन्य जहाज उसके एयर डिफेंस जोन में घुस गए. यह इलाका देश के एयरस्पेस से भी बड़ा होता है. इसके बाद उनके पीछे साउथ कोरिया की सेना ने अपने फाइटर जेट्स को आसमान में भेजा. सियोल के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा, 'चीन के 5 और रूस के 6 सैन्य जहाज सुबह 9 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 53 मिनट तक पूर्वी और दक्षिणी सागर  कोरिया एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (KADIZ) में घुसकर बाहर चले गए.'

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JCS ने कहा, लेकिन विमानों ने 'कोरियाई एयरस्पेस का उल्लंघन किए बिना' KADIZ को पार किया. हालांकि सेना ने KADIZ में उनके घुसने से पहले ही विमानों की पहचान कर ली और किसी भी तरह के खतरे की आशंका को देखते हुए एयरफोर्स के विमानों को आकाश में भेज दिया. 

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एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन किसी देश के एयरस्पेस से काफी बड़ा इलाका होता है जिसमें वह सुरक्षा कारणों से विमानों को कंट्रोल करने की कोशिश करता है, लेकिन इस अवधारणा को किसी भी अंतर्राष्ट्रीय संधि में परिभाषित नहीं किया गया है.

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चीन के रक्षा मंत्रालय ने इन उड़ानों को अपना नौवां संयुक्त रणनीतिक गश्त बताया, जो जापान सागर के ऊपर हुआ, जिसे दक्षिण कोरिया में पूर्वी सागर के नाम से भी जाना जाता है. आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उड़ानें शुक्रवार को चीनी और रूसी सेनाओं के बीच वार्षिक सहयोग योजना के मुताबिक आयोजित की गईं.

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दक्षिण कोरियाई सैन्य अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि चीनी सैन्य विमान कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच विवादित जलमग्न चट्टान इयोडो के पास से गुजरने के बाद दक्षिण कोरिया के पूर्वी तट के पास छोटे डोक्डो द्वीप की ओर उड़े. 

 

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रूसी विमानों ने डोक्डो द्वीप समूह की ओर भी उड़ान भरी, जिसे जापानी में ताकेशिमा के नाम से जाना जाता है. अधिकारियों ने बताया कि चीनी और रूसी विमानों ने रवाना होने से पहले डोक्डो के दक्षिण में समुद्र के ऊपर एक साथ उड़ान भरी.

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2019 से, चीन और रूस ने संयुक्त अभ्यास का हवाला देते हुए, बिना किसी पूर्व सूचना के दक्षिण कोरिया के वायु रक्षा क्षेत्र में नियमित रूप से सैन्य विमान उड़ाए हैं. पिछले साल जून और दिसंबर में और मई और नवंबर 2022 में भी इसी तरह की घटनाएं हुईं, जिसमें बीजिंग और मॉस्को ने उड़ानों को 'संयुक्त रणनीतिक हवाई गश्त' बताया गया. एक बयान के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन और रूस के सैन्य विमानों के दक्षिण के एयर डिफेंस एरिया में एंट्री करने और बिना किसी सूचना के लंबे समय तक उड़ान भरने पर खेद जताया.

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