Maa Lakshmi: मां लक्ष्मी सदा के लिए करेंगी घर में वास, बस शुक्रवार को विधिपूर्वक कर लें इंद्र द्वार रचित ये पाठ का जाप
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Maa Lakshmi: मां लक्ष्मी सदा के लिए करेंगी घर में वास, बस शुक्रवार को विधिपूर्वक कर लें इंद्र द्वार रचित ये पाठ का जाप

Friday Remedies: मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए व्यक्ति खूब मेहनत करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  शुक्रवार के दिन किया ये काम मां लक्ष्मी की कृपा से धन-वैभव प्रदान करता है.

 

फाइल फोटो

Mahalaxmi Stotra: शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी धन, वैभव, ऐश्वर्य, संपदा, समृद्धि, सुख, यश, बुद्धि आदि के गुण प्रदान करती हैं. कहते हैं कि जिन लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है, उन्हें जीवन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं रहती. जीवनभर धन से परिपूर्ण रहते हैं. लेकिन वहीं मां लक्ष्मी की नाराजगी व्यक्ति को बर्बाद कर देती है. धार्मिक मान्यता है कि जो बी व्यक्ति दिन में एक बार भी महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ कर लेता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.  वहीं, दिन में दो बार महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति को धन-धान्य की प्रापिति होती. और तीन बार महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने वाले लोगों से महालक्ष्मी हमेशा प्रसन्न रहती हैं. बता दें कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें, जिससे व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.  

महालक्ष्मी स्तोत्र

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।

सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।

सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।

परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।

जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।

सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।

त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।

महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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