Karwa Chauth 2023: करवा चौथ हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो पति की लंबी आयु की कामना में महिलाओं द्वारा की जाती है. हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ये व्रत रखा जाता है. करवा चौथ के दिन सुहागन महिलाएं सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला उपवास रखती हैं. आइए जानते हैं, इस व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
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Karwa Chauth 2023: हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है, जिसे विशेष रूप से पति की लंबी आयु की कामना के लिए सुहागन महिलाओं द्वारा की जाती है. इस वर्ष यह व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा. करवा चौथ केदिन व्रती महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम में गौरी-गणेश की पूजा करती हैं. ह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्थन की अद्वितीयता को प्रकट करता है. इस वर्ष इस शुभ अवसर पर पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि और भोज संबंधित जानकारी इस प्रकार है.
शुभ मुहूर्त
करवा चौथ प्रतिवर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है. ये तिथि इस वर्ष 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर को 9 बजकर 19 मिनट तक है. ऐसे में व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा. पूजा का श्रेष्ठ समय शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक है. इस दिन चंद्रोदय का समय 8 बजकर 26 मिनट पर है.
पूजा विधि
करवा चौथ के दिन व्रती महिलाएं दिन में निर्जल व्रत रखती हैं, और सुबह उठकर स्नान करने के बाद सजावट और स्वच्छ वस्त्र पहनती हैं. शाम में मिट्टी से गौरी और गणेश की मूर्तियां बनाकर पूजा करना और व्रत कथा चाहिए. पूजा के बाद चंद्रमा को देखती हैं और फिर पति का चेहरा देखती हैं. इसके बाद पति के हाथों से मिठा खाकर, और पानी पीकर अपना व्रत खोलना चाहिए.
पूजा का महत्व
करवा चौथ का व्रत महिलाएं द्वारा अखंड सुहाग और पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि माता पार्वती इसी व्रत के कारण भगवान शिव को पति बना पाई थीं. इसके बाद से हीं यह व्रत करने का परंपरा है.
पारण का भोज
करवा चौथ के दिन पारण में विविध व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे हलवा-पूरी, आलू की सब्जी, चूरमा, दाल के फरे और कढ़ी. आलू की सब्जी बगैर प्याज-लहसुन की बनाई जाती है और उसमें टमाटर, अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट डाला जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)