आ गई कार्तिक पूर्णिमा 2024: देव दिवाली का पर्व, स्नान-दान और दीपदान का महत्व भी जान लीजिए
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आ गई कार्तिक पूर्णिमा 2024: देव दिवाली का पर्व, स्नान-दान और दीपदान का महत्व भी जान लीजिए

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं. अगर यह संभव न हो, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जाता है. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का संकल्प लिया जाता है.

आ गई कार्तिक पूर्णिमा 2024: देव दिवाली का पर्व, स्नान-दान और दीपदान का महत्व भी जान लीजिए

Dev Diwali significance: जिस तरह दीपावली का त्योहार कार्तिक अमावस्या पर देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, ठीक उसी तरह पंद्रह दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली का उत्सव मनाया जाता है. हिंदू धर्म में यह तिथि अत्यंत पवित्र मानी जाती है और इसे दैवीय कृपा और ऊर्जा का विशेष समय कहा गया है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए स्नान और दान का विशेष महत्व होता है, जो व्यक्ति को पुण्य का लाभ और सुख-समृद्धि प्रदान करता है.

पूर्णिमा तिथि और स्नान-दान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को चंद्र देव का स्वामित्व प्राप्त है और इसे पूर्णता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा समसप्तक होते हैं, जिससे जल और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. कार्तिक मास की इस पूर्णिमा पर पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करना अत्यंत फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से नौ ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाओं से मुक्ति मिलती है. इस दिन स्नान के साथ-साथ दान और ध्यान भी विशेष रूप से लाभकारी माने जाते हैं.

पूजन विधि और दीपदान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं. अगर यह संभव न हो, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जाता है. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का संकल्प लिया जाता है. शाम को दीपदान का विशेष महत्व होता है, जिसमें घर, मंदिर और तुलसी के पौधे के पास दीप जलाए जाते हैं. यह माना जाता है कि इस दिन दीप जलाने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है.

अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा की धूम

दिवाली के बाद अयोध्या में एक बार फिर लाखों श्रद्धालु उमड़ने लगे हैं. कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर सरयू नदी में स्नान करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से अयोध्या पहुंच रहे हैं. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा है. घाटों पर जल पुलिस और गोताखोरों की तैनाती की गई है, और चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने भी व्यापक तैयारी की है, जिसमें अस्थायी अस्पताल और स्वास्थ्य शिविर शामिल हैं. सुरक्षा के लिहाज से ड्रोन कैमरों और पुलिसकर्मियों की विशेष व्यवस्था की गई है.

दान-पुण्य का विशेष महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, घी और आटे का दान करना शुभ माना जाता है. गौ दान का भी विशेष महत्त्व है, लेकिन अगर यह संभव न हो, तो गौ सेवा करना भी पुण्यदायक होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किया गया दान व्यक्ति के पापों का नाश करता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है.

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