Dwarkadhis Mandir Gujrat: बिपरजॉय चक्रवात के समय कुछ मंदिर बेहद चर्चा में रहे. इन मंदिरों में कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं की एंट्री रोक दी गई थी, साथ ही चक्रवात को रोकने के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए थे.
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Dwarkadhis Temple: हाल ही में बिपरजॉय चक्रवात ने देश में खासा कहर ढाया है. इससे निपटने के लिए सरकार ने तगड़े इंतजाम किए तो भक्तों ने भगवान से गुहार लगाई. बिपरजॉय चक्रवात की रफ्तार को कम करने और उससे होने वाले नुकसान से बचाव के लिए गुजरात के द्वारका स्थित विश्व प्रसिद्ध जगत मंदिर में पांच की बजाए छह ध्वजा फहराई गई थीं. इसे लेकर मंदिर प्रबंधन और पुजारियों का मानना था कि मंदिर में एक साथ दो ध्वजा लगाने से हवा की रफ्तार कम होगी और उससे नुकसान भी कम होगा.
अब रोज फहराई जाएगी एक की जगह दो ध्वजा
बिपरजॉय तूफान थमने के बाद भी अब मंदिर में एक की बजाय दो ध्वजा फहराई जाएंगी. इसे लेकर द्वारकाधीश देवस्थान समिति की बैठक में यह ऐतिहासिक फैसला लिया है. दरअसल द्वारकाधीश मंदिर के शिखर पर रोजाना कुछ 5 ध्वजा फहराई जाती थीं, लेकिन अब इनकी संख्या में 1 की बढ़ोतरी कर दी गई है.
दरअसल, बीते दिनों जब गुजरात में बिपरजॉय चक्रवात आया था तो द्वारकाधीश मंदिर में तीन दिनों तक ध्वजा नहीं फहराई जा सकी थी, हालांकि बिपरजॉय संकट को टालने के लिए मंदिर में एक साथ दो ध्वजा लगाई गई थी, लेकिन बाद में उन्हें तेज हवा के चलते नहीं बदला जा सका था. इसके बाद अगले 15 दिनों तक एक अतिरिक्त ध्वजा फहराई गई थी, ताकि ध्वजा फहराने के लिए लगी लोगों की वेटिंग में थोड़ी कमी आए. लेकिन अब मंदिर समिति ने फैसला लिया है कि इस व्यवस्था को हमेशा के लिए लागू कर दिया जाएगा. इससे श्रद्धालुओं को ध्वजा फहराने के लिए कम इंतजार करना पड़ेगा.
2024 तक है वेटिंग
द्वारकाधीश मंदिर में ध्वजा चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी वेटिंग है. मंदिर प्रशासन के अनुसार साल 2024 तक ध्वजा चढ़ाने के लिए बुकिंग हो चुकी हैं. एक ध्वजा ज्यादा फहराने से लोगों के इंतजार में थोड़ी कमी आ सकती है. साथ ही द्वारकाधीश मंदिर में ध्वजा चढ़ाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा. इससे लोग घर बैठे द्वारकाधीश मंदिर में ध्वजा चढ़ाने के लिए बुकिंग कर पाएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)