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Ganesh Ji Puja: हिंदू धर्म शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. मान्यता है कि किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत अगर गणेश जी के नाम के साथ की जाए, तो व्यक्ति के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है. मान्यता है कि गणेश जी को पूजा के दौरान विधिपूर्वक दूर्वा अर्पित करने से भक्तों के सभी संकट जल्द दूर हो जाते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश जी की साधना में उन्हें दूर्वा अवश्य अर्पित करनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा में दूर्वा का इस्तेमाल भक्तों के भाग्य में इजाफा करती है. लेकिन दूर्वा अर्पित करते समय सही विधि और तरीकों के बारे में जानकारी होना जरूरी है. कहते हैं कि जरा-सी गलती गणेश जी की को नाराज कर सकती है. जानें दूर्वा अर्पित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
गणेश जी को कैसे अर्पित करें दूर्वा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश जी को जो दूर्वा अर्पित कर रहे हैं, वो कोमल होनी चाहिए. बता दें कि इस तरह की दूर्वा को बालतृणम् कहते हैं, जो सूखने पर घास जैसी लगने लगती है. इसके साथ ही, इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी को दर्वा की पत्तियां विषम संख्या में जैसे 3, 5, 7 आदि में अर्पित करनी चाहिए. वहीं, उन्हें गूड़हल का फूल बेहद प्रिय है. ऐसे में बुधवार के दिन पूजा के समय उन्हें गुड़हल का फूल भी अर्पित किया जा सकता है.
पानी में भिगोकर चढ़ाएं दूर्वा
मान्यता है कि दूर्वा को ज्यादा समय तक ताजा रखने के लिए उसे पानी में भिगोकर अर्पित करें. इससे गणपति के पवित्रक बहुत समय तक मूर्ति में रहते हैं.
तुलसी से न करें गणेश जी की पूजा
लेकिन गणेश पूजन के समय इस बात का खास ख्याल रखें कि उन्हें पूजा के दौरान भूलकर भी तुलसी दल अर्पित न करें. कार्तिक माहात्मय में कहा गया है कि 'गणेश तुलसी पत्र दुर्गा नैव तु दूर्वाया' अर्थात गणेश जी की तुलसी दल और मां दुर्गा की पूजा में दूर्वा का इस्तेमाल भूलकर भी न करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)