NCR में इतने रेजिडेंट प्रोजेक्ट पर शुरू होगा काम, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में सबसे ज्यादा इंवेस्टमेंट
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NCR में इतने रेजिडेंट प्रोजेक्ट पर शुरू होगा काम, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में सबसे ज्यादा इंवेस्टमेंट

UP RERA: एनसीआर में गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ में सबसे अधिक प्रोजेक्ट में काम शुरू होने जा रहा है. यूपी के अन्य शहरों के मुकाबले ज्यादा सहुलियत, दिल्ली से नजदीकी के कारण लोग यहां इंवेस्ट कर रहे हैं.

NCR में इतने रेजिडेंट प्रोजेक्ट पर शुरू होगा काम, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में सबसे ज्यादा इंवेस्टमेंट

Investment in NCR: रियल एस्टेट की बात करें तो अभी भी एनसीआर की परियोजनाएं अन्य शहरों के मुकाबले काफी आगे हैं. यूपी में आने वाले एनसीआर के जिलों गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ के लिए सितंबर में ही 36 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है. यूपी में चल रहे कुल 8116 प्रोजेक्ट्स में से करीब 47%, एनसीआर के 3 जिलों- गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ में हैं. इससे यह लगता है कि नए प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन का अनुपात नॉन-एनसीआर की तुलना में एनसीआर का ही ज्यादा है.

रोजगार

एनसीआर में ज्यादा यूनिट्स वाली परियोजना होने के कई कारणों में फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR), एनसीआर में रोजगार  और व्यापार के बेहतर मौकों के कारण घर खरीदारों को एनसीआर में बसने की प्राथमिकता के कारण घरों की ज्यादा मांग और इस मांग को पूरा करने के लिए बड़े क्षेत्रफल वाली परियोजनाएं शामिल हैं.

यूपी रेरा

यूपी रेरा के बढ़ते नियामक या रेगुलेशन से यह भी पता चलता है कि रेरा अधिनियम 2016 लागू होने के बाद 500 वर्ग मीटर या 5382 वर्ग फुट तथा 8 या इससे ज्यादा इकाई वाला कोई भी निर्माण जो अधिसूचित योजना क्षेत्र के दायरे में आता है, उनका रेरा की वेबसाइट पर पंजीकृत होना अनिवार्य है.

जवाबदेही

यूपी रेरा की वेबसाइट पर प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी आवश्यक पात्रता तथा जानकारियां "इम्पोर्टेन्ट सर्विसेज" ऑप्शन पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. रियल एस्टेट परियोजना का रजिस्ट्रेशन घर खरीदारों के लिए पारदर्शिता के साथ प्रमोटरों की जवाबदेही के लिए भी जरूरी है. इस पूरी प्रक्रिया से परियोजना सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारियां एक जगह देखी जा सकती है.

यह हमेशा उम्मीद की जा रही थी कि एनसीआर इकाइयों की संख्या में आगे बढ़ेगा, भले ही सितंबर 2022 के महीने में रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन प्रोजेक्ट्स की अधिकतम संख्या नहीं थी. एनसीआर में आवासीय घरों की मांग का प्राथमिक कारण यह है कि राजधानी के नजदीक है, जिससे यह पूरे देश से अधिकतम प्रवास को आकर्षित करता है. आकर्षक विकल्पों के साथ मांग अच्छी है, इसलिए मांग को पूरा करने के लिए नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं. इसके अलावा हमने आवासीय घरों की मांग में कोविड -19 के बाद त्योहारी सीजन में भारी वृद्धि देखी है और अगर अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ना जारी रखती है तो हम आगामी महीनों में एनसीआर क्षेत्र में और अधिक परियोजनाओं का रजिस्ट्रेशन होते हुए देखेंगे. 

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- मनोज गौड़, प्रेसिडेंट, क्रेडाई एनसीआर और CMD, गौड़ ग्रुप

एनसीआर उंची इमारतों वाले आवासीय टावरों और सोसायटी का केंद्र है, इसलिए ये सुव्यवस्थित फ्लोर और अपार्टमेंट आसपास के क्षेत्रों लगातार ध्यान केंद्रित करते हैं. प्रीमियम फ्लोर वाली ऊंची इमारतें, जिसमें 18 से 24 मंजिल होते हैं, स्वाभाविक रूप से बड़ी संख्या में इनकी आवासीय ईकाइयां हैं और राजधानी से बेहतर कनेक्टिविटी ने एनसीआर में आवासीय घरों की मांग बढ़ा दी है.  जैसे-जैसे जनसंख्या घनत्व बढ़ रहा है और परियोजना की शुरूआत बढ़ रही है, आने वाले समय में परियोजना की संख्या में वृद्धि निश्चित है.

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- अमित जैन, निदेशक, महागुन ग्रुप

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