Delhi Lok Sabha 6th Phase Voting: लोकसभा चुनाव के छठे चरण में दिल्ली की सात संसदीय सीट पर मतदान जारी है. सुबह 11 बजे तक दिल्ली में 22 फीसदी वोटिंग हो चुकी है. देश के हर आम मतदाता की तरह भारत की सबसे पुरानी पॉलिटिकल फैमिली गांधी परिवार के लिए भी ये चुनाव बेहद खास है. यह पहला मौका है जब लोकसभा के चुनावों में गांधी परिवार ने अपनी पार्टी यानी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को मतदान नहीं किया होगा. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके पति राबर्ट वाड्रा दिल्ली के मतदाता हैं. ये सभी राजनेता नई दिल्ली लोकसभा सीट पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते आए हैं.
दिल्ली में इंडिया अलायंस के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. दिल्ली में इंडी अलायंस के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस और AAP दोनों के बीच हरियाणा और दिल्ली में समझौता है.
ये पहला मौका है जब दिल्ली में AAP 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो कांग्रेस मात्र 3 सीटों पर लड़ रही है. जबकि हरियाणा में कांग्रेस 9 और आम आदमी पार्टी 1 सीट पर लड़ रही है.
बीते कई आम चुनाव से कांग्रेस नई दिल्ली लोकसभा संसदीय सीट से अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारती रही है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. समझौते के तहत ये सीट आम आदमी पार्टी को दी गई इसलिए ये शायद पहला मौका रहा होगा, जब गांधी परिवार ने देश के चुनावी इतिहास में पहली बार अपनी ही पार्टी के नेता को वोट नहीं दिया.
कांग्रेस इस बार दिल्ली में केवल तीन यानी उत्तर पूर्वी दिल्ली (कन्हैया कुमार), उत्तर पश्चिमी दिल्ली (उदित राज) और चांदनी चौक सीट (जय प्रकाश अग्रवाल) से चुनाव लड़ रही है. दिल्ली में ये पहला ऐसा आम चुनाव है जिसमें ‘AAP' और कांग्रेस (INC) ने बीजेपी (BJP) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में गांधी परिवार ने गठबंधन धर्म के तहत पहली बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सोमनाथ भारती को वोट डाला होगा.
दिल्ली की बची चार सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने की अपील राहुल गांधी ने भी की थी. आप के 4 कैंडिडेट की बात करें तो नई दिल्ली से सोमनाथ भारती, पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार, पश्चिमी दिल्ली से महाबल मिश्रा और दक्षिणी दिल्ली से सहीराम पहलवान चुनाव लड़ रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती भी पेशे से वकील रहे हैं. वो शुरुआत से ही पार्टी आलाकमान के करीबी रहे हैं. भाजपा ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में दिल्ली की सातों सीटें भारी अंतर से जीती थीं और इस बार भी बीजेपी सातों सीटों पर हैट्रिक लगाने का दावा कर रही है, हालांकि दिल्ली की जनता इस बार किस पर अपना प्यार लुटाएगी? इसका पता तो चार जून को चलेगा.
बांसुरी स्वराज पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी हैं. वह पहली बार नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं. बांसुरी सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं. उन्हें कानूनी पेशे में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है. बांसुरी स्वराज को 2007 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में नामांकित किया गया था. बांसुरी को पिछले साल दिल्ली बीजेपी की लीगल सेल का सह-संयोजक नियुक्त किया गया था. बाद में उन्हें सचिव के पद पर प्रमोशन मिला था. कहा जाता है कि पीएम मोदी ने ही बांसुरी स्वराज का नाम लोकसभा उम्मीदवारी के लिए आगे बढ़ाया था.
ट्रेन्डिंग फोटोज़