यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत में शीर्ष सरकारी पदों को सुरक्षित करने का मौका देती है. लेकिन इस परीक्षा को पास करना आसान नहीं है. आइये पिछले 10 साल के उन टॉपर्स से मिलते हैं, जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए नजीर बन गए हैं.
इस साल, 1.34 मिलियन उम्मीदवार यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए उपस्थित हुए. इनमें से 14,627 पास हुए और अब 20 सितंबर, 2024 को यूपीएससी मुख्य परीक्षा देंगे. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत में शीर्ष सरकारी पदों को सुरक्षित करने का मौका देती है. उम्मीदवारों के लिए प्रभावी ढंग से तैयारी करने के लिए पिछले टॉपर्स की रणनीतियों और अंकों को समझना जरूरी है.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में तीन स्टेज होते हैं. प्री, मेन्स और इंटरव्यू. इन तीनों को पास करना जरूरी है. किसी भी स्टेज पर उम्मीदवार अगर फेल होता है तो उसे शुरू से शुरुआत करनी पडती है.
आदित्य श्रीवास्तव ने 2023 की यूपीएससी परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया. इनकी अभी पोस्टिंग तय नहीं हुई है.
साल 2022 में इशिता किशोर ने 1094 अंकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया. इशिता किशोर को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पहली पोस्टिंग मिली है.
2021 की टॉपर श्रुति शर्मा ने 1105 अंक प्राप्त किए और उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं.
2020 में शुभम गुप्ता ने 1072 अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया और अब बिहार में तैनात हैं.
हरियाणा के प्रदीप सिंह ने 2019 में 1072 अंक प्राप्त किए और अपने गृह राज्य में तैनात हैं.
डेटा साइंटिस्ट कनिष्क कटारिया ने 2018 में 1121 का उच्चतम स्कोर प्राप्त किया और राजस्थान में तैनात हैं.
अनुदीप दुरीशेट्टी ने 2017 में 1126 अंकों के साथ परीक्षा में टॉप किया और बिहार जाने से पहले मणिपुर में तैनात थे.
साल 2016 में 1120 अंक के साथ नंदिनी के आर ने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया था.
टीना डाबी ने 2015 में 1063 अंक प्राप्त किए और एग्जाम में टॉप किया. वर्तमान में वह राजस्थान के जैसलमेर में कलेक्टर हैं.
इरा सिंघल ने रीढ़ की हड्डी की समस्या के बावजूद 2014 की परीक्षा में 1082 अंकों के साथ टॉप किया और अब दिल्ली में सहायक कलेक्टर हैं.
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