Underwater Home For Humans: यूनाइटेड किंगडम (UK) की एक कंपनी DEEP इंसानों के लिए समुद्र में घर बना रही है. कंपनी ने 2022 में ब्रिस्टल के पास एक स्कूबा डाइविंग सेंटर खरीदा था. कंपनी का मिशन है कि वह इंसानों को पानी में रहने की सुविधा उपलब्ध कराएगी. उसकी योजना में एक अंडरवाटर हैबिटैट का निर्माण शामिल है. 'सेंटीनेल सिस्टम' नामक यह हैबिटैट लोगों को समुद्र में 200 मीटर की गहराई पर महीने भर रहने और काम करने में सक्षम बनाएगा. (All Photos : DEEP)
DEEP का सेंटीनेल सिस्टम आपस में जुड़े मॉड्यूल से बना है. इसे समुद्र के नीचे डेटा जुटाने से लेकर ऐतिहासिक जहाजों को बाहर निकालने में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस हैबिटैट को अलग-अलग आकार में कॉन्फ़िगर कर सकते हैं और आकार भी बढ़ाया जा सकता है. DEEP के मुताबिक, इसे 6 लोगों से लेकर 50 लोगों के रहने लायक स्टेशन में तब्दील किया जा सकता है.
पिछले हफ्ते कंपनी ने 'वैनगार्ड' नाम से छोटा अंडरवाटर हैबिटैट लॉन्च किया है. इसे सेंटीनेल के लिए सिस्टम विकसित करने में यूज किया जाएगा, साथ ही कंपनी इसे अलग से भी बेचेगी. 12 मीटर लंबा और 7.5 मीटर चौड़ा 'वैनगार्ड' अपने भीतर तीन लोगों को हफ्ते भर तक पानी में रख सकता है. यह 2025 की शुरुआत से पानी में उतरने को तैयार होगा.
कंपनी को उम्मीद है कि उसके हैबिटैट से समुद्र के नीचे अंतरिक्ष में मौजूद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जैसा सिस्टम बनेगा. यानी अंतरिक्ष की तरह समुद्र में भी इंसान की परमानेंट मौजूदगी रहेगी.
जिस तरह ISS ने अंतरिक्ष में दुनियाभर की दिलचस्पी पैदा की, कुछ वैसा ही प्रभाव 'सेंटीनेल' भी डाल सकता है. इसे महत्वपूर्ण समुद्री इन्फ्रास्ट्रक्चर की निगरानी और मरम्मत, पर्यटन, अंतरिक्ष के लिए ट्रेनिंग, कोरल रीस्टोरेशन, नेवल डाइव ट्रेनिंग और मेडिकल रिसर्च के लिए भी यूज किया जा सकता है. जब इसका काम पूरा हो जाता है, तो पूरे सिस्टम को नई जगह पर फिर से तैनात किया जा सकता है.
दुनिया में अभी एक ही लैब है जो समुद्र के नीचे काम करती है. इसे फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी चलाती है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो सेंटीनेल 2027 तक तैयार हो जाएगा. सेंटीनेल के मॉड्यूल छह रोबोटों के एक ग्रुप द्वारा 3डी-प्रिंट किए जाएंगे. इसे बनाने में इनकोनेल नामक निकेल-आधारित सुपरलॉय से एनफोर्स्ड स्टील का उपयोग किया जाएगा, जो चरम स्थितियों का सामना कर सकता है. इसका इस्तेमाल स्पेस शटल और स्पेसएक्स रॉकेट में किया गया है.
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