Switzerland Military: सीमा विवाद हो या राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक आदि कारण दुनिया के देशों के बीच युद्ध होना आम बात है. मौजूदा समय में ही दुनिया कई युद्धों से जूझ रही है, जिसने हजारों जानें भी ली हैं. लेकिन एक देश है जो ना युद्ध में उतरता है और ना ही आज तक उसका कोई सैनिक शहीद हुआ है.
Swiss Military: ये खास देश है स्विट्जरलैंड, जिसकी सेना स्विस सशस्त्र बल (Swiss Armed Forces) का कभी कोई सैनिक शहीद नहीं हुआ. ना ही यह देश कभी भी किसी अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में शामिल हुआ.
पर्यटन के लिए मशहूर और बेहद खूबसूरत व धनी देश स्विट्जरलैंड युद्ध व हिंसा से दूर ही रहता है. इस देश के पास अपनी ताकतवर मिलिट्री जरूर है लेकिन वह देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए ही है. स्विस आर्मी ने कभी किसी अन्य देश के साथ युद्ध नहीं लड़ा.
स्विट्जरलैंड एक तटस्थ देश है, इसलिए इसकी सेना किसी भी अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में शामिल नहीं होती. यहां तटस्थता नीति से मतलब है किसी भी सैन्य संघर्ष में शामिल नहीं होना और अपना ध्यान शांति बनाए रखने पर रखना. 1815 में विएना कांग्रेस के बाद, यूरोप के बड़े राष्ट्रों ने स्विट्जरलैंड को तटस्थ राष्ट्र के रूप में मान्यता दी. यही वजह है कि पहले और दूसरे विश्व युद्ध जैसे बड़े संघर्षों में भी स्विट्जरलैंड ने अपनी सीमाएं बंद रखीं और खुद को इन युद्धों से दूर रखा. हालांकि एक बार स्विट्जरलैंड ने अफगानिस्तान में अपने 31 सैनिकों को तैनात किया था.
भले ही स्विट्जरलैंड की सेना युद्ध के मैदान में ना उतरे लेकिन इसके सैनिकों को बेहद कठिन ट्रेनिंग दी जाती है. स्विट्जरलैंड के पास बहुत ही मजबूत और आधुनिक सैन्य बल है, देश की रक्षा और आपदाओं से निपटने के लिए ही काम करती है.
स्विट्जरलैंड की सेना में महिलाएं किसी भी पद पर स्वेच्छा से काम कर सकती हैं. यहां महिलाएं सेना की अग्रिम पंक्ति में सैनिक के तौर पर काम करती हैं. यहां तेजी से सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. स्विस आर्मी अपने सैनिकों को मोटी तनख्वाह और कई सुविधाएं देती है.
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