Pearl Harbor Attack: 7 दिसंबर. ये वो तारीख है, जो शायद ही कोई अमेरिकी भूल सकता हो. 1941 का साल था और दुनिया में छिड़ा हुआ था दूसरा विश्व युद्ध. लेकिन जापान ने इस दिन ऐसा कर दिया, जिसने अमेरिका समेत पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया. जापानी एयरफोर्स ने अमेरिकी नौसेना के अड्डे पर्ल हार्बर पर चुपके से हमला कर उसे तबाह कर दिया. इस अटैक में 2403 अमेरिकी फौजियों की मौत हो गई थी और 1178 जख्मी हुए थे. इसके अलावा अमेरिका के 328 विमान और 18 नेवल शिप पूरी तरह तबाह हो गए थे. आइए आपको इस अटैक की अब विस्तार से जानकारी देते हैं.
जापान ने पूरी प्लानिंग के साथ अमेरिका के इस बेस पर हमला किया था. जानबूझकर अमेरिका पर हमले के लिए जापान ने संडे का दिन चुना. वह जानते थे कि संडे का दिन अमेरिकी मौज-मस्ती और आराम में बिताते हैं. लोग देरी से जागते हैं.
यही वजह थी कि जापानी सेना को रविवार को सुबह-सुबह हमला करने को कहा गया था. हालांकि जापानी फौज 7 दिसंबर तड़के ही हमला करना चाहती थी लेकिन कोहरे और धुंध के कारण सवेरे 7 बजे का समय तय हुआ.
जापान ने दो चरणों में हमला किया. अमेरिकी बेस को उड़ाने के लिए फाइटर जेट्स, बॉम्बर्स, टारपीडो मिसाइलों का उपयोग किया.
कमांडर मिस्तुओ फुचिदा की अगुआई में करीब 183 लड़ाकू विमान ओहियो के पूर्व में तैनात जंगी जहाजों से उड़े. बाद में लेफ्टिनेंट कमांडर शिगेकाजू शिमाजाकी की अगुआई में 171 विमानों ने पर्ल हार्बर पर हमला बोला.
जापानियों ने बिना किसी चेतावनी के पर्ल हार्बर बेस पर कार्पेट बॉम्बिंग कर दी. इस अटैक में अमेरिका के 8 में से 6 जंगी जहाज, डिस्ट्रॉयर, क्रूजर समेत 200 से ज्यादा लड़ाकू विमान तबाह हो गए. 2403 अमेरिकी फौजी मारे गए.
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने इस तारीख को कलंक बताया था. दरअसल जापान ने अमेरिकी पैसिफिक फ्लीट को बेअसर करने के लिए पर्ल हार्बर पर अटैक करने की योजना बनाई थी. इस हमले के बाद जापान ने ब्रिटेन और अमेरिका के खिलाफ ऐलान-ए-जंग कर दिया और उसके बाद जो हुआ, वह पूरी दुनिया ने देखा.
8 दिसंबर 1941 को अमेरिका भी दूसरे वर्ल्ड वॉर में उतर पड़ा. जापान के खिलाफ उसने भी हमला करने की कसम खा ली. बाद में इसका बदला लेने के लिए 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला करके अमेरिका ने युद्ध का रुख ही मोड़ दिया था.
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