Paris Olympics 2024: ओलंपिक के करीब आने के साथ ही भारत के पास पदक के दावेदारों की कमी नहीं है, जिसमें नीरज चोपड़ा, सात्विक-चिराग और निखत जरीन जैसे नाम शामिल हैं. ये खिलाड़ी पहले ही अपना नाम बन चुके हैं. भारतीय दल में ऐसे एथलीट भी हैं जो भारतीय खेल इतिहास में स्टार बन सकते हैं. यहां हम उभरते हुए खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जो पदक नहीं तो प्रभावशाली प्रदर्शन करके अधिक स्थापित नामों से सुर्खियाँ बटोर सकते हैं...
इस ओलंपिक में डेब्यू करने वाली समरा निशानेबाजी में भारत की पदक की उम्मीदों में से एक होंगी. एशियन गेम्स की मौजूदा गोल्ड मेडल विजेता और महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली सिफ्त पेरिस में भी शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगी. हांग्झू में जीता गया गोल्ड मेडल भी भारत का पहला व्यक्तिगत शूटिंग एशियाड 3-पोजिशन में गोल्ड मेडल था. इसलिए वह पहले से ही इतिहास रचने की इच्छा रखती है. हालांकि वह चीनी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेलेंगी. एशियन गेम्स उन्होंने फाइनल में तीसरी सीरीज के बाद बढ़त हासिल की और उसके बाद कभी हार नहीं मानी. उन्होंने तत्कालीन वर्ल्ड चैंपियन चीन की झांग कियोनग्यू पर सात से अधिक अंकों के अंतर से हराकर गोल्ड जीता था.
आंध्र प्रदेश के 23 वर्षीय धीरज इस ओलंपिक में एक और नाम हैं, जिन्होंने एशियन गेम्स में पुरुषों की रिकर्व टीम में सिल्वर मेडल जीता है. वह पिछले नवंबर में आर्चरी (तीरंदाजी) कॉन्टिनेंटल क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में व्यक्तिगत रिकर्व में देश को पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा दिलाने वाले पहले व्यक्ति भी थे. धीरत से मेंस टीम कैटेगरी में मेडल की उम्मीद है. उन्होंने 2023 और 2024 में वर्ल्ड कप चरणों में ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. सेना के इस जवान को दबाव की स्थितियों में अपने स्थिर स्वभाव के लिए जाना जाता है.
धीनिधि मात्र 14 वर्ष की उम्र में पेरिस जाने वाले भारतीय दल की सबसे युवा सदस्य हैं और उन्हें इस बड़े आयोजन से अनुभव प्राप्त होने की उम्मीद है. उन्होंने पिछले साल नेशनल गेम्स और सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में मेडल जीते हैं. इस साल अच्छे प्रदर्शन के बाद वे शीर्ष रैंक वाली भारतीय महिला तैराक भी हैं. धीनिधि 200 मीटर फ्रीस्टाइल में भाग लेंगी.
टेबल टेनिस जानने वाले लोगों के लिए यह एक जाना-पहचाना नाम है. अकुला पेरिस से टेबल टेनिस में पहला ओलंपिक पदक लाने की शीर्ष संभावनाओं में से एक हैं. भारत की नंबर 1 रैंक वाली पैडलर के लिए ओलंपिक से पहले 8 महीने काफी शानदार रहे, जब उन्होंने कॉर्पस क्रिस्टी फीडर टूर्नामेंट में जीत हासिल की. वह डब्ल्यूटीटी टूर्नामेंट जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. फिर एक शीर्ष चीनी खिलाड़ी को हराया और एक और डब्ल्यूटीटी खिताब अपने नाम किया. वह शरत कमल के साथ मिक्स्ड डबल्स में कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट हैं.
अंतिम पंघाल भारतीय दल की सबसे चर्चित एथलीट में से एक हैं. कई लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि वह 2024 में ओलंपिक में डेब्यू करेंगी. वह दो बार अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियन जीत चुके हैं. वह एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप और सीनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में वह मेडल हासिल कर चुकी है. ऐसा लगता है जैसे पंघाल दशकों से अपने हुनर में माहिर हैं. सच्चाई यह है कि वह सिर्फ 19 साल की हैं और उनके सामने पूरा करियर है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़