Panchayat 3: दुर्गेश कुमार को जितेंद्र कुमार, रघुबीर यादव और नीना गुप्ता के साथ मशहूर वेब सीरीज 'पंचायत' में बनराकस की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा दुर्गेश कुमार किरण राव की 'लापता लेडीज' का भी हिस्सा थे. एक्टर ने हाल ही में खुलासा किया है कि 'पंचायत' और 'लापता लेडीज' की शूटिंग के दौरान वह डिप्रेशन की दवाइयां खा रहे थे.
मशहूर वेब सीरीज 'पंचायत' का तीसरा सीजन भी सुपरहिट रहा. इस सीजन ने भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. सभी किरदारों ने अपनी एक्टिंग से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'पंचायत 3' में एक एक्टर शूटिंग के वक्त डिप्रेशन से जूझ रहा था. यहां तक कि ये एक्टर डिप्रेशन की दवाइयां खाकर शूटिंग कर रहा था, लेकिन सीरीज देखने के बाद आप इस एक्टर की परफॉर्मेंस में एक भी कमी नहीं निकाल पाएंगे.
यह एक्टर कोई और नहीं, बल्कि दुर्गेश कुमार हैं. 'पंचायत 3' में बनराकस के नाम से मशहूर दुर्गेश कुमार ने ई टाइम्स को दिए अपने लेटेस्ट इंटव्यू में खुलासा किया है कि वह 'पंचायत' और 'लापता लेडीज' की शूटिंग के दौरान वह डिप्रेशन में थे. वह डॉक्टर के पास गए थे और उन्हें दवाइयां दी गई थीं. दवाइयां खाकर दुर्गेश कुमार ने शूटिंग की थी.
दुर्गेश कुमार ने हाईवे, सुल्तान, संजू, धड़क जैसी हिट फिल्मों में काम किया है, लेकिन पहचान उन्हें 'पंचायत' ने दिलाई. इसके बाद 'लापता लेडीज' के दुबे जी के किरदार में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी. आज लोग उन्हें दुर्गेश कुमार के नाम से कम और बनराकस या दुबे जी के नाम से ज्यादा जानते हैं. दुर्गेश कुमार ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब उनके पिता को ब्रेन हैमरेज हुआ तो वह डिप्रेशन में आ गए थे.
दुर्गेश कुमार ने बताया कि उस वक्त में यह सोच कर डर गया था कि पिता के इलाज में सपोर्ट करने के लिए मुझे मुंबई और इंडस्ट्री को छोड़कर जाना पड़ सकता है. पर किस्मत से, मेरे पिता सर्वाइव कर गए. हालांकि, स्ट्रेस और डिप्रेशन ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. वह परेशान और उदास महसूस करते थे, जिसका असर उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ा.
दुर्गेश कुमार ने मेडिकल हेल्प ली और इसके लिए उन्हें दवाइयां दी गईं. दुर्गेश कुमार ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, उस दौरान मैंने 'पंचायत', 'लापता लेडीज' और 'डेढ़ बीघा जमीन' के लिए शूटिंग की थी.'' लेकिन अच्छी बात यह है कि वह अब बिल्कुल ठीक हैं और हमेशा अपने डॉक्टरों के संपर्क में रहते हैं.
दुर्गेश कुमार ने बताया कि पहली बार उन्होंने डिप्रेशन का सामना थर्ड ईयर में किया था, जब वह एक रोमांटिक रिलेशनशिप में थे और जो कामयाब नहीं हो पाई थी. मैं शराब नहीं पीता, तो मैं स्मोक करने लगा था. निकोटिन की वजह से मेरी हेल्थ पर असर पड़ा. उस रिश्ते के खत्म होने के बाद इतनी निराशा महसूस करने से उबरने के लिए मैंने मेडिकल हेल्प ली. मेरे परिवार और टीचर्स ने भी मेरी मदद की.
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