माघ माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पद्म पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु से तिल की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए उन्होंने तिल को मोक्ष प्रदान करने का वरदान दिया. इस महीने भगवान विष्णु को तिल अर्पित करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
जो भक्त माघ मास में विशेष रूप से षट्तिला एकादशी के दिन काले तिल का दान करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक में सुखपूर्वक रहने का सौभाग्य प्राप्त होता है. मान्यता है कि जितने तिल के दाने दान किए जाते हैं, उतने वर्षों तक बैकुंठ में सुखपूर्वक रहने का अवसर मिलता है.
माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद पितरों के लिए जल से तर्पण करें. तर्पण में कुश के साथ काले तिल का उपयोग करना शुभ माना गया है. काले तिल मोक्षदायक माने जाते हैं. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
अगर किसी की कुंडली में शनि दोष है या फिर साढ़ेसाती-ढैय्या का प्रभाव है, तो शनिवार के दिन काले तिल का दान करें. माघ माह में सूर्य देव शनि की राशि मकर में रहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि शनि ने अपने पिता सूर्य को काला तिल भेंट किया था, जिससे वे प्रसन्न हुए थे. इसलिए तिल का दान करने से कुंडली में शनि और सूर्य की स्थिति संतुलित होती है.
षट्तिला एकादशी के दिन काले तिल का दान करने से घर में सुख, समृद्धि, धन और वैभव बढ़ता है. तिल का दान न केवल व्यक्ति के जीवन को धन्य करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली लाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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