Jaya Ekadashi 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी व्रत रखा जाता है. इस साल जया एकादशी व्रत 20 फरवरी, मंगलवार यानी कि आज है. जया एकादशी व्रतकरने से व्यक्ति को नीच योनि से मुक्ति मिलती है. इसका उल्लेख पद्म पुराण में भी किया गया है.
जया एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस साल जया एकादशी पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त 20 फरवरी की सुबह 09:45 बजे से दोपहर 2 बजे तक है.
सभी एकादशी व्रत एकादशी तिथि के सूर्योदय से द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक रखा जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद ही होता है. जया एकादशी व्रत का पारण समय 21 फरवरी की सुबह 06:55 बजे से सुबह 09:11 बजे तक है. स्नान के बाद सामान्य पूजा करके ही व्रत का पारण करें.
पद्म पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने पांडु पुत्र युधिष्ठिर को एकादशी तिथि का महत्त्व बताते हुए यह व्रत करने के लिए कहा था. पद्म पुराण के मुताबिक जया एकादशी प्राणी के इस जन्म एवं पूर्व जन्म के समस्त पापों का नाश करने वाली उत्तम तिथि है. शास्त्रों के अनुसार जो लोग जया एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें प्राणी को कभी भी पिशाच या प्रेत योनि में नहीं जाना पड़ता और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
जया एकादशी के व्रत पूजा का पूरा फल तभी मिलता है जब जातक सब प्रकार के दान भी करे. इस व्रत को करने से व्रती को अग्निष्टोम यज्ञ करने जितना फल मिलता है.
जया एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु को पीला वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, तिल, धूप-दीप, नैवैद्य, ऋतुफल, पान, नारियल अर्पित करें. तुलसी भी अर्पित करें लेकिन पहले ही पत्ते तोड़कर रख लें. एकादशी के दिन तुलसी को स्पर्श भी ना करें.
जया एकादशी व्रत कर रहे हैं तो दशमी और द्वादशी तिथि को भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करें. व्रत रखें या ना रखें चावल का सेवन नहीं करें. ना ही किसी की बुराई करें. जया एकादशी का व्रत रखने वाले जातक इस दिन नाखून, बाल, दाढ़ी आदि नहीं काटें. वहीं महिलाएं बाल नहीं धोएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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