India Military Bases in Other Countries: दुनिया में मौजूदा दौर में हालात बेहद खराब चल रहे हैं. कहीं जंग है तो कहीं अस्थिरता. भारत के पड़ोस से लेकर मिडिल ईस्ट तक में हाहाकार मचा हुआ है. अगर भारत के आसपास ही परिस्थिति को देखें तो पाकिस्तान के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं. वैसा ही हाल श्रीलंका का भी है. अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार है. म्यांमार में सैन्य शासन है. जबकि बांग्लादेश में भी चुनी हुई सरकार का तख्ता पलट हो चुका है. जबकि चीन की विस्तारवादी सोच से हर कोई वाकिफ है.
पड़ोसी जब ऐसे हों तो भारत को भी तैयारी रखनी पड़ेगी. इसलिए भारत आत्मनिर्भर योजना के तहत खुद को और मजबूत कर रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ देश ही नहीं दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के मिलिट्री बेस हैं ताकि किसी भी परिस्थिति में दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके. आइए आपको इन मिलिट्री बेस के बारे में बताते हैं.
तजाकिस्तान
तजाकिस्तान के दक्षिणी क्षेत्र में सल्थित फरखोर एयरबेस अपनी सीमा के बाहर भारत का पहला मिलिट्री एयरबेस है. तजाकिस्तान की एयरफोर्स के साथ मिलकर भारतीय वायुसेना ने मिलकर सेंट्रल एशिया में इसकी स्थापना की थी.
भूटान
भूटान भारत का अजीज दोस्त है. भूटान हिमालयी देश है और इंडियन मिलिट्री ट्रेनिंग टीम के जरिए भारत भूटान में जरूरी मौजूदगी रखता है. इस ट्रेनिंग मिशन के जरिए भारत रॉयल भूटान आर्मी और रॉयल बॉडीगार्ड ऑफ भूटान को ट्रेनिंग देता है.
मादागास्कर
यह पूर्वी अफ्रीका का एक देश है, जहां भारत का मिलिट्री बेस है. इसकी स्थापना साल 2007 में की गई थी. यह भारत की पहली ओवरसीज इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस गैदरिंग आउटपोस्ट है.
मॉरिशस
मॉरिशस के अगालेगा द्वीप में भारत का एक मिलिट्री बेस है. इसका निर्माण हिंद महासागर में भारत-मॉरिशस मिलिट्री कॉपरेशन अग्रीमेंट के जरिए किया गया था, जो भारत के लिए एक अहम सामरिक पोस्ट है.
ओमान
ओमान के रस अल हद्द में भारत की एक लिस्निंग पोस्ट है और दुक्म में भी एक पोस्ट है. दुक्म में भारतीय नेवी और एयरफोर्स का गढ़ है,जो लॉजिस्टिकल सपोर्ट और मेंटेनेंस सर्विसेज मुहैया कराती है.
सिंगापुर
भारत और सिंगापुर के सहयोग से ही चांगी नेवी बेस में भारत का पोस्ट है. इस फैसिलिटी के जरिए भारतीय नेवी के जहाज मलक्का की खाड़ी में गश्त करते हैं. सामरिक नजरिए से यह बेहद अहम पोस्ट है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़