Happy Christmas: पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है.क्रिसमस का इतिहास और सांता क्लॉज की परंपरा अनोखी है. आइए आपको दिखाते हैं Christmas Eve पर देशभर के चर्च में सजावट की शानदार तस्वीरें.
हर साल 25 दिसंबर को दुनियाभर में क्रिसमस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. क्रिसमस का इतिहास ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा है. ईसाई धर्म के अनुसार, 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्म हुआ था. यह दिन प्रेम, दया और भाईचारे का संदेश देने के लिए मनाया जाता है. आइए जानते हैं क्रिसमस से जुड़ी कुछ ऐसी अनोखी बातें जो शायद आपको न पता हों. रांची के इस चर्च की तस्वीर कितनी सुंदर है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिसमस का त्योहार पहली बार चौथी शताब्दी में रोम में मनाया गया था. इसे यीशु मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया गया था. चेन्नई के चर्च की ये सुंदर तस्वीर देखिए.
त्रिशूर, केरल: क्रिसमस के अवसर पर खूबसूरत रोशनी से सजा हमारा लेडी ऑफ लूर्डेस मेट्रोपॉलिटन कैथेड्रल.
सांता क्लॉज का असली नाम सेंट निकोलस था. वे बच्चों और गरीबों की मदद करने के लिए जाने जाते थे. आधुनिक सांता क्लॉज की छवि लाल कपड़ों, सफेद दाढ़ी और तोहफे लेकर आने वाले व्यक्ति के रूप में उभरकर आई. ये देखिए कटक की तस्वीर.
गुलमर्ग में प्रार्थना का आयोजन हुआ.
मदर मैरी यीशु मसीह की मां थीं. वे ईसाई धर्म में पवित्रता और करुणा की प्रतीक मानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान ने स्वर्गदूत गेब्रियल के माध्यम से उन्हें यह संदेश दिया था कि वे यीशु को जन्म देंगी.
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित सेंट मैरी ऑर्थोडॉक्स कैथेड्रल चर्च में #ChristmasEve पर प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ.
यीशु मसीह ईसाई धर्म के प्रवर्तक और मानवता के लिए ईश्वर के बेटे माने जाते हैं. उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से प्रेम, क्षमा और ईश्वर में विश्वास का संदेश दिया. ये तस्वीर रामेश्वरम की है.
आप सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं.
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