वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट 2025 पेश करने वाली हैं. मिडिल क्लास और टैक्सपेयर्स को इस बजट से कई उम्मीदें हैं. इकोनॉमिस्ट्स और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार इनकम टैक्स में राहत देती है, तो इससे मिडिल क्लास के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे और कंजम्पशन बढ़ेगा. यहां जानिए वे 5 बड़े कदम, जिनकी उम्मीद इस बजट में की जा रही है.
विशेषज्ञों का मानना है कि 15-20 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों के लिए टैक्स दरों में कटौती की जा सकती है. मौजूदा व्यवस्था के तहत 10 लाख रुपये से अधिक इनकम पर 30% टैक्स लगता है. महंगाई के मौजूदा स्तर को देखते हुए टैक्स कम करना जरूरी हो गया है ताकि मिडिल क्लास की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.
नौकरीपेशा लोग सबसे ज्यादा टैक्स भरते हैं. फिलहाल ओल्ड टैक्स रीजीम में 50,000 रुपये और नई रीजीम में 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. महंगाई को देखते हुए इस डिडक्शन को और बढ़ाने की मांग उठ रही है. अगर ऐसा होता है, तो सैलरीड क्लास को बड़ी राहत मिल सकती है.
सीनियर सिटिज़न्स के लिए टैक्स छूट सीमा को बढ़ाने की मांग हो रही है. मौजूदा व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये (ओल्ड रीजीम) और 3 लाख रुपये (नई रीजीम) तक की आय पर टैक्स छूट है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि यह सीमा बढ़ाकर नई रीजीम में 10 लाख रुपये और ओल्ड रीजीम में 7 लाख रुपये की जानी चाहिए.
होम लोन पर सेक्शन 24बी के तहत ब्याज पर 2 लाख रुपये की छूट मिलती है. इसे 3 लाख रुपये तक बढ़ाने की जरूरत बताई जा रही है. इसके साथ ही प्रिंसिपल राशि पर मिलने वाले डिडक्शन के लिए नई कैटेगरी बनाने का सुझाव दिया गया है, ताकि टैक्सपेयर्स को और राहत मिल सके.
सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी प्रीमियम पर 60 साल से कम उम्र के लोगों को 25,000 रुपये और सीनियर सिटिज़न्स को 50,000 रुपये की छूट मिलती है. इस लिमिट को क्रमशः 50,000 रुपये और 75,000 रुपये तक बढ़ाने की मांग है. इससे मेडिकल खर्चों में राहत मिलने की उम्मीद है.
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