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Photos: सुनीता विलियम्स की तरह अगर आप भी एक महीने तक स्पेस में फंस जाएं तो आपकी बॉडी के साथ क्या होगा?

Sunita Williams Space Mission: अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स पने सहयात्री बैरी विल्मोर के साथ 25 मई को स्पेस में गई थीं. उनका मिशन केवल 8 दिनों का था लेकिन उनकी वापसी के दौरान यान में गड़बड़ी आ गई. तब से वे लौट नहीं पाई हैं. अगर आप भी स्पेस में एक महीने तक अटक जाएं तो बॉडी पर क्या असर होगा, आज हम आपको बताते हैं.

 

कब वापस आएंगी सुनीता विलियम्स

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कब वापस आएंगी सुनीता विलियम्स

सबसे पहले आपको बता दें कि सुनीता विलियम्स और विल्मोर दोनों अभी ठीक हैं. नासा के वैज्ञानिक उनके स्पेसक्राफ्ट की खराबी दूर करके उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने के अभियान में जुटे हुए हैं. हालांकि जैसे- जैसे वक्त बीत रहा है, उनके लिए खतरा बढ़ता जा रहा है क्योंकि अंतरिक्ष स्टेशन में ऑक्सीजन की मात्रा लगातार घटती जा रही है. 

स्पेस में नहीं है ग्रेविटी

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स्पेस में नहीं है ग्रेविटी

वैज्ञानिकों के मुताबिक स्पेस में ग्रेविटी यानी गुरुत्वाकर्षण बल नहीं है, जिसके चलते कोई भी वस्तु हवा में ही अटकी रह जाती है. ग्रेविटी न होने का नुकसान ये भी है कि स्पेस में मानव शरीर में तरल पदार्थ ऊपर की ओर शिफ्ट होने लग जाता है, जिससे किडनी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. इससे डि-हाइड्रेशन या शरीर में तरल की मात्रा ज्यादा होने की समस्या हो सकती है. 

 

गुर्दे की पथरी

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गुर्दे की पथरी

अंतरिक्ष में माइक्रोगे्रेविटी होने की वजह से शरीर से कैल्शियम तेजी से कम होने लगता है. ऐसे में गुर्दे की पथरी यानी किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है. इसका दर्द बहुत तेज होता है, जिसे स्पेस में संभाल पाना बहुत मुश्किल होता है. इससे किडनी से जुड़ी बीमारियों और कोशिकाओं को नुकसान का जोखिम बढ़ता जाता है. 

 

मांसपेशियों और हड्डियों का नुकसान

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मांसपेशियों और हड्डियों का नुकसान

डॉक्टरों के मुताबिक अगर कोई इंसान एक महीने से ज्यादा देरी तक अंतरिक्ष में रह जाए तो किडनी की समस्याओं से सेहत दिन ब दिन बिगड़ सकती है. इतना ही नहीं, अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी से मांसपेशियों और हड्डियों को भी नुकसान पहुंचता है और वे कमजोर होती चली जाती हैं. इससे चेहरे पर भारी सूजन आ सकती है. 

 

रेडिएशन और कैंसर का खतरा

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रेडिएशन और कैंसर का खतरा

हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक स्पेस स्टेशन में एक महीने से ज्यादा रहने पर रेडिएशन से जुड़ी बीमारियों और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही अंतरिक्ष में अकेले रहने से मेंटल हेल्थ पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. लगातार अकेले रहने से उसका दिमाग डिप्रेशन का शिकार हो सकता है, जिसका असर उसकी इम्यूनिटी पर पड़ता है. 

अंगों का ब्रेन से तालमेल टूटना शुरू

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अंगों का ब्रेन से तालमेल टूटना शुरू

डॉक्टर कहते हैं कि लगातार स्पेस में रहने से शरीर के अंगों का ब्रेन से तालमेल टूटना शुरू हो सकता है. खासकर आंखों और हाथों का आपस में को-ऑर्डिनेशन मुश्किल हो सकता है. इसके साथ ही शरीर का पाचन तंत्र और हॉर्मोन में बदलाव की समस्या भी हो सकती है. उसकी भूख खत्म हो सकती है और यूरिन की मात्रा कम या न के बराबर हो सकती है.

 

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