Coronavirus Latest News: कोविड के नए स्वरूप यानी जेएन.1 के कुल 21 मामले सामने आए हैं. जिसमें केरल में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. अगर भारत में कोविड केस की बात करें तो एक्टिव केस की संख्या 2 हजार के पार चली गई है. मई के बाद कोरोना के सबसे अधिक 614 मामले दिसंबर में आए हैं. भारत के साथ साथ अमेरिका, चीन और सिंगापुर में भी जेएन.1 के केस मिले हैं. इसके बारे में बताया जा रहा है कि यह ओमीक्रान से भी अधिक संक्रामक है. इसका मतलब यह है कि यह तेजी से फैलता है. अब यह खतरनाक साबित हो सकता है इसे लेकर अलग अलग तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं. एक तरफ भारत में जानकारों का कहना है कि सतर्कता बरत कर इसे रोका जा सकता है. घबराने की आवश्यकता नहीं. लेकिन अमेरिका ने इसे भयावह बताते हुए चेताया भी है. अमेरिका के मुताबिक अस्पतालों में हो सकता है जगह भी ना मिले.
देश के तीन राज्यों में कोरोना के नए उपस्वरूप जेएन.1 के 21 मामले सामने आए हैं. इस समय देश में सक्रिय केस की संख्या 2 हजार के पार है. 21 मई के बाद सर्वाधिक 614 कुल सक्रिय केस दिसंबर महीने में दर्ज किए गए हैं. कोरोना से अब तक मरने वालों की संख्या 5 लाख के पार जा चुकी है. इन सबके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि है कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है.
अगर भारत के बाहर की बात करें तो सिंगापुर, अमेरिका और चीन में भी जेएन.1 के मामले सामने आए हैं. इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न कहा गया है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, खतरा बड़ा नहीं है. लेकिन अमेरिका ने कहा है कि हो सकता है कि अस्पतालों में जगह ना मिले. इन सबके बीच सिंगापुर में घटते हुए मामले राहत देने वाले हैं.
जेएन.1 के बारे में बताया जा रहा है कि यह ओमीक्रान से भी ज्यादा संक्रामक है. लेकिन डेल्टा से कम घातक है. कुछ जानकारों का कहना है कि पहले से जिन लोगों ने टीकाकरण कराया है उनको जेएन.1 अपना शिकार बना सकता है लेकिन लक्षण और असर कम होंगे. जेएन.1 संक्रमित लोगों में बुखार, शरीर में दर्द, अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में दिक्कत और गले में खराश की समस्या है.
हाल ही में मालदीव से इंदौर लौटे एक ही परिवार के दो सदस्यों में संक्रमण के लक्षण देखे गए हैं. इन सबके बीच नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लोग भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचें. यही नहीं जिन लोगों ने अभी भी टीका नहीं लगाया है वो लोग वैक्सीनेशन जरूर कराएं. यही नहीं आईसीएमआर के महानिदेशक का कहना है कि जीनोम सिक्वेंसिंग पर भी काम चल रहा है.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कार्बिवैक्स टीके को अहम बताया जा रहा है. अगर बात भारत की करें तो इसके 1.5 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं और सरकार ने 30 करोड़ डोज ऑर्डर किए हैं. भारत में इसके तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत भी मांगी गई है.
जेएन.1 के मामलों को सामने आने के बाद अब अलग अलग राज्य सरकारों ने कमर कस ली है. उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दें उनका आरटीपीसीआर जरूर कराया जाए, वहीं यूपी और बिहार में स्वास्थ्य महकमा ने अस्पतालों को हर सूरत में तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. खासतौर पर टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है.
दुनिया भर के जानकारों का कहना है कि इस आपदा से निपटने के लिए टीकाकरण ही बेहतर उपाय है, अलग अलग देशों को अब मिशन मोड में आने की जरूरत है ताकि किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सके. यह बात सच है कि जिन लोगों में पहसे से कोई बीमारी हो उनके लिए खतरा अधिक है. लेकिन वैक्सीनेशन के जरिए उस खतरे को टाला जा सकता है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़