Bollywood Singer On Bollywood Discrimination: बॉलीवुड इंडस्ट्री में शुरुआत से ही नेपोटिज्म और भेदभाव को लेकर बात होती आई है. ऐसे कई स्टार्स हैं, जिन्होंने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई लेकिन नेपोटिज्म और भेदभाव का शिकार हो गए, जिसके बारे में उन स्टार्स ने कई बार अपने इंटरव्यू में बताया. हाल ही में हिंदी फिल्मों में कई शानदार गानों को अपनी आवाज देने वाली जानी-मानी सिंगर ने इंडस्ट्री में हो रहे भेदभाव को लेकर अपनी भड़ास निकाली और अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
'तोसे नैना' और 'वो अजनबी' जैसे हिट गानों से अपनी पहचान बनाने फेमस सिंगर शिल्पा राव ने हाल में अपने एक इंटरव्यू के दौरान इंडस्ट्री में हो रहे भेदभाव को लेकर अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि कैसे इंडस्ट्री में मेल और फीमेल सिंगर्स के बीच भेदभाव होता है. साथ ही उन्होंने फिल्म निर्माताओं से एक रिक्वेस्ट भी की. शिल्पा राव वो आखिरी भारतीय सिंगर हैं जिन्होंने पाकिस्तान में परफॉर्म किया था और उनकी ये परफॉर्म पूरी दुनिया में छा गई थी. चलिए जानते हैं सिंगर ने भेदभाव पर क्या-क्या कहा?
शिल्पा राव ने म्यूजिक इंडस्ट्री में मेल और फीमेल सिंगर्स के बीच होने वाले भेदभाव पर अपनी बात रखी. उन्होंने हाल ही में एक बड़े यूट्यूब चैनल के साथ एक पॉडकास्ट में कहा कि सिंगर्स को पैसा उनके काम के आधार पर मिलता है, जेंडर पर नहीं. जब उनसे पूछा गया कि क्या फीमेल सिंगर्स को मेल सिंगर्स से कम पैसे मिलते हैं? तो इसके जवाब में शिल्पा ने कहा, 'पेमेंट हमेशा आपके काम के मुताबिक होता है, ये नहीं कि आप मेल हैं तो आपको ज्यादा पैसे मिलेंगे'. फीमेल सिंगर की तुलना में मेल सिंगर को ज्यादा तवज्जो दी जाती है.
शिल्पा ने कहा कि ये सच है और इस पर निर्माताओं से बात करनी चाहिए. उनका मानना है कि गाने, फिल्म या कहानी में कलाकारों को बराबरी का हिस्सा मिलना चाहिए और निर्माताओं को इस बात को समझना चाहिए. उनका कहना है कि फीमेल सिंगर्स को भी उनके काम के मुताबिक मेल सिंगर्स के बराबर का सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए. शिल्पा ने हिंदी, तेलुगू और तमिल में कई गाने गाए हैं. उनके गानों को खूब पसंद किया जाता है. शिल्पा ने अपने करियर की शुरुआत कॉलेज के दिनों में कर दी थी.
शिल्पा राव को उनका पहला गाना 2007 में कॉलेज के दौरान संगीतकार मिथुन ने ऑफर किया था, जो फिल्म 'अनवर' का था 'तोसे नैना'. आज के समय में ये एक हिट गाना है, जिसको खूब पसंद किया जाता है. इसके अलावा शिल्पा ने तेलुगू और तमिल फिल्मों में भी अपनी आवाज का जलवा बिखेरा है. शिल्पा को असली पहचान हिंदी फिल्म 'द ट्रेन' के गाने ‘वो अजनबी’ और 'बचना ऐ हसीनों' के ‘खुदा जाने’ से मिली. इसके अलावा शिल्पा ने संगीतकार इलैयाराजा के साथ फिल्म 'पा' के गाने ‘मुडी मुड़ी इत्तेफाक से’ में अपनी आवाज दी है.
इसके अलावा, 2012 में एआर रहमान के साथ मिलकर उन्होंने यश चोपड़ा की फिल्म 'जब तक है जान' के ‘इश्क शावा’ गाने में अपनी आवाज दी. साथ ही 'धूम 3' में ‘मलंग’ और बैंग बैंग में ‘मेहरबान’ जैसे हिट गाने भी उन्होंने ही गाए हैं. बता दें, शिल्पा को ‘मनमर्जियां’ फिल्म में अमित त्रिवेदी के साथ मिलकर गाए गए गानों के लिए खूब सराहना मिली. वे ‘पार चना दे’ गाने के जरिए कोक स्टूडियो पाकिस्तान में परफॉर्म करने वाली आखिरी भारतीय सिंगर हैं. शिल्पा राव ने अपने करियर में शिल्पा ने कई शानदार गाने गाए हैं. जो बेहद पसंद किए जाते हैं.
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