ट्रेन सफर भी एक से बढ़कर एक हैं. ट्रेन का एक सफर ऐसा भी है जिसमें 291 किलोमीटर की दूरी को तय करने में करी 8 घंटे का समय लगता है. आप सोच रहे होंगे कि इसमें ट्रेन बार-बार रुकती होगी. लेकिन ऐसा भी नहीं है और इसमें ट्रेन लगातार चलती रहती है.
जिस रूट की बात आज हम आपसे कर रहे हैं, वहां पर ट्रेन ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के ऊपर से गुजरती है, शांत पहाड़ी गांवों से होकर निकलती है और गहरी घाटियों के बीच से रेंगती है. ग्लेशियर एक्सप्रेस के नाम से जानी जाने वाली इस ट्रेन को 'दुनिया की सबसे धीमी एक्सप्रेस ट्रेन' कहा जाता है. इसकी एवरेज स्पीड महज 24 मील प्रति घंटा है. इस गति के कारण, यात्रियों को अलग-अलग तरह के दृश्यों और ऊंचाई का आनंद लेने का भरपूर समय मिलता है.
24 मील प्रति घंटे की धीमी गति से चलने वाली ग्लेशियर एक्सप्रेस रास्ते में 291 पुलों और 91 सुरंग को पार करती हुई गंतव्य पर पहुंचती है. यह रेल यात्रा चार हिस्सों में बंटी हुई है और स्विट्जरलैंड में जर्मैट से सेंट मोरित्ज तक जाती है. इस दौरान यात्री स्विट्जरलैंड की बेहद खूबसूरत आल्प्स पहाड़ों से होकर गुजरते हैं.
यह ट्रेन दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत नजारों से होकर गुजरती है जैसे रोने ग्लेशियर, ऊंचा और खतरनाक ओबराल्प दर्रा, घुमावदार लैंडवासर पुल और राइन घाटी, जिसे 'स्विट्जरलैंड का ग्रैंड कैन्यन' (Grand Canyon of Switzerland) भी कहा जाता है."
इस शानदार और यादगार सफर के दो सबसे खास हिस्से हैं. एक तो प्रसिद्ध लैंडवासर पुल और दूसरा ओबराल्प दर्रा. ओबराल्प दर्रा इस रास्ते का सबसे ऊंचा प्वाइंट है जो समुद्र तल से 2,033 मीटर की ऊंचाई पर है.
ट्रेन में आरामदायक सीटें, स्वादिष्ट भोजन के विकल्प और बेहतरीन सर्विस मिलती हैं. जिससे यात्रा का अनुभव बहुत ही शानदार हो जाता है. 'एक्सीलेंस क्लास' में और शानदार सुविधाएं मिलती हैं जैसे कि बड़ी और आरामदायक सीटें, सेवन कोर्स का शानदार डिनर और पर्सनल सर्विस. ट्रेन का टिकट की कीमत 470 स्विस फ्रैंक (करीब 44350 रुपये) से शुरू होती है.
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